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धौरहरा क्षेत्र में बेकाबू हुई बाढ़ पीड़ित गांवो तक नहीं पहुँच पा रही सरकारी मदद


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चकदहा,मांझासुमाली,मिलिक कैरातीपुरवा,बेलागढ़ी समेत दर्जन भर गावों में कैद हुए ग्रामीण

ऐरा चीनी मिल कालोनी में पानी भरने से कर्मचारी बेहाल

खमरिया के प्रेमनगर व पंडितपुरवा पानी निकासी न होने के चलते डूबा

पोखरा अचरौरा गांव के घरों में पानी भरने से बेहाल हुए लोग

आयुष मौर्या

धौरहरा-लखीमपुरखीरी के ईसानगर क्षेत्र में घाघरा नदी पार बहराइच बॉर्डर पर स्थित गांवों में बाढ़ के चलते अभी तक सरकारी मदद न मिलने से लोगों में मायूसी छाने लगी है। यहाँ के हालात यह है कि हजारों लोग घरों में कैद होकर रह गए है। 


गांव व घरों में पानी भरने से लोग तहसील मुख्यालय तो दूर एक दूसरे के घर तक आसानी से नहीं पहुच पा रहे है। वहीं तहसील प्रशासन चाहकर भी इन गांवों तक पहुच पाने में अस्मर्थ नजर आने लगा है। 


जिसकी वजह से लोगो को रोजमर्रा की वस्तुओंके साथ साथ दवाई आदि के भी लाले पड़ गए है। वही चारो ओर से मायूसी हांथ लगने के बाद अब लोग पानी कम होने का इंतजार मदद पाने की आस लगाए हुए है।


इस बाबत जब ग्राम पंचायत मिलिक के राजकुमार यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूरी ग्रामसभा में कमर तक पानी भरा हुआ है,यहाँ करीब 6500 लोग बाढ़ से प्रभावित है । 



जिसमें केवल मिलिक के रामसिंह,काशी ,संतोखी, कमलेश, दुलारे, पहाड़ी, रामगोपाल, जिलाराम, लक्ष्मी, पैकरमा, राजेन्द्र, तीरथ, सुरेश, रमेश,मनोहर,कृष्ण मुरारी,श्रवण,मेवालाल,बहोरी, विशम्भर, दुलारे, महराजदिन, श्रीकेशन, राजेश, राजू,शिव प्रसाद,अवधराम,राममिलन,अमरी व अन्य लोगों के साथ साथ मिलिक के मजरा कुंजबिहारी पुरवा,बेनी पुरवा, कुर्मिनपुरवा, तमोलिन पुरवा,लोध पुरवा,लखनी पुरवा, ठकुरी पुरवा, बेला,कंचनपुरवा,भज्जा पुरवा,पकरिया पुरवा,मांझा,संतराम पुरवा, कटैला पुरवा, बुद्धा पुरवा,महराज सिंह पुरवा,चंदवापुर,गजोधर पुरवा के लोग भी सरकारी मदद पाने की आस लगाए बैठे है पर अभी तक यहां न तो क्षेत्रीय लेखपाल ही पहुच पाए है न ही तहसील का कोई अन्य अधिकारी। 


जिसको लेकर यहाँ के हालात बद से बत्तर होने लगे है। वहीं ओझापुरवा निवासी दिनेश यादव ने बताया कि उनकी ग्राम सभा ओझापुरवा व मजरा ठूठवा, गुरजहनपुरवा,माहुल टुकरा, बाजार पुरवा, गड़रिया पुरवा, शिवबालक पुरवा, रघुनाथ पुरवा,पचासा, कटैला पुरवा, चमारन पुरवा में लगभग सभी घरों में पानी भरने से हालात बेकाबू हो रहे है। यहाँ हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित होकर बेहाल है पर कोई देखने वाला नहीं है। वही बाढ़ से पीड़ित

राजेश, हीरालाल, तालुकदार, दूबर, रामचन्द्र, दीनदयाल,अंगद कुमार,अशोक,सोनेलाल,विनोद कुमार, अखिलेश, दिनेश कुमार, रजनीश, महेश, श्रीकृष्ण,चन्द्रिका,अच्छेलाल,लल्लू,विनोद,राकेश,शिवकुमार, जगदीश, बांके लाल, कमलेश, शंकर, ब्रह्मादीन, विशोसर, शत्रोहन, रामगोपाल, सुखराम, चंद्रकिशोर, बालक राम, कमलकिशोर, बंशीलाल, कनौजी, रामलखन, केशवराम, जोखन, ब्रजकिशोर आदि की माने तो इतना सब होने के बावजूद अभी तक कोई भी सरकारी मदद नहीं मिल सकी है। 


साथ ही दिनेश कुमार ने यह भी बताया कि जिस दिन से बरसात शुरू हुई है उस दिन से आज तक न ही लेखपाल यहाँ तक पहुच पाए न ही तहसील के अन्य अधिकारी मदद मिलना तो दूर की बात है।


इसके अलावा बेलगढ़ी व चकदहा आदि गांवों के हालात भी बद्दतर होने लगे है जहां भी प्रशासनिक अमला कोई मदद लोगो तक पहुचाने में बेबस नजर आ रहा है।


ऐरा चीनी मिल कालोनी में घुसा बरसाती पानी,निकासी न होने से कर्मचारी बेहाल


क्षेत्र में बुधवार से हो रही लगातार मूसलाधार बरसात से ऐरा चीनी मिल के चारो ओर पानी की निकासी न होने की वजह से कर्मचारियों की कालोनी में घुसने से यहाँ के हालात बेकाबू हो गए है। 


जिसको लेकर मिल प्रशासन दसियों वर्ष पहले बन्द हुए पानी निकलने के स्रोतों को खोजकर जेसीबी लगाकर रास्ते साफ करवाने में जुट गया है बावजूद मिल अधिकारियों व कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 


वही कस्बा खमरिया के प्रेमनगर व पंडितपुरवा के लोगों के घरों में पानी भरने से हाहाकार मचा हुआ है।


पोखरा अचरौरा गांव में घरों में भरा पानी, लोग बेहाल


ईसानगर क्षेत्र के पोखरा अचरौरा गांव में भी घाघरा नदी ने अपने तेवर दिखा दिए है। घाघरा का पानी गांव के घरों में घुसने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है लोगों को भोजन बनाने के लिए जुगाड़ लगाना पड़ रहा है। 

गांव के रामसनेही पांडेय,विष्वनाथ,पाठक, कमलकिशोर ,राजकिशोर,कमलेश ,कैलाश,त्रिवेणी ,सुशील पाठक, आलमीन, सिकंदर, हनीफ़, मुस्कीम, मुस्तफा, नसीर, मुरसुद्दीन समेत सैकड़ो घरों में कई फुट पानी भरने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


 इस बाबत गांव के पूर्व प्रधान श्रवण पाठक ने बताया कि घाघरा का जलस्तर बढ़ने से चारो ओर पानी ही पानी नजर आने लगा है। अभी तक पीड़ितों को कोई उचित सरकारी मदद मिलना तो दूर लोगों की हालत देखने के लिए हल्का लेखपाल भी गांव तक आना मुनासिब नहीं समझा है। 


वहीं गांव के अवधेश पुत्र बच्चू लाल व उमेश पाठक के घरों में अधिक पानी भर जाने पर उनको पूर्व प्रधान ने अपने घर आश्रय दिया है।


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