श्याम त्रिपाठी/अभय दूबे
गोण्डा: बेकार नहीं करना एक परिवार को भारी पड़ गया। गांव के दबंग ने बेगार नहीं करने के कारण शासन में शिकायत कर दलित परिवार का जीना मुश्किल कर दिया।
करीब 50 लोगों का दलित परिवार तीन पीढ़ियों से गांव के बाहर मकान बनाकर गुजर बसर कर रहा है। बेगार न करने पर नाराज दबंगों ने मकान को खलिहान में दिखाते हुए उच्चाधिकारियों से शिकायत किया है।
जिले के मनकापुर कोतवाली के गांव हरना टायर के मजरा कंगलापुर पुर से जुड़ा है। करीब 50 वर्ष पूर्व इन दलितों का परिवार गांव में रहता था। बताया जाता है कि उस समय भेदभाव के कारण गांव के लोगों ने इन दलित परिवारों को गांव के बाहर एक खाली पड़ी एक जमीन पर बसा दिया। कहा कि आप लोग गांव के बाहर ही रहे। जरूरत पड़ने पर जब गांव में बुलाया जाए तब ही आए।
समय बीतता गया अब इनकी तीन पीढ़ी के करीब 50 परिवार वर्तमान समय में गुजर-बसर कर रहै है। इनके पास मकान बनाने के लिए और कोई जमीन भी नहीं है। पीड़ित अशोक कुमार ने बताया कि हमारा करीब 50 लोगों का परिवार है। पहले हमारा घर गांव में था। यह बात हमारे बाबा ने हम लोगों को बताई थी। उस समय गांव के कुछ बुजुर्गों ने गांव के बाहर रहने का फरमान सुना दिया दिया था। उन्हीं लोगों द्वारा गांव के बाहर जमीन की व्यवस्था करा कर हम लोगों को यहां रहने के निर्देश दिए।
तब से इसी स्थान पर हमारी तीन पीढ़ियां बीत गई। इस दौरान हम लोगों को दो सरकारी आवास भी मिला उस आवास को बनाकर हम लोग किसी तरह से गुजर बसर कर रहे हैं। गांव के कुछ लोग हम लोगों से इसलिए नाराज रहते हैं। वे चाहते हैं कि यह लोग बेगार में हमारा काम करें। और इन्हें पैसा भी देना ना पड़े। जब हम लोग काम करने से मना कर देते हैं। तो वह लोग हम लोगों का उत्पीड़न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।
मतलब घर के सामने ट्रैक्टर खड़ा कर तेज आवाज में अश्लील गाना बजाने से लेकर अन्य तरह का उत्पीड़न करते हैं। इस बार शासन प्रशासन तक शिकायत किया कि यह लोग खलिहान की जमीन में मकान बनाकर रह रहे हैं। जिस पर तहसीलदार व कानूनगो मेरे घर आए बिना कोई पैमाइश किए कहा कि इस मकान को खाली कर इसे गिरा दो यह सरकारी जमीन में बना है। नहीं हम इसे जेसीबी से जमींदोज करा देंगे।
तहसीलदार बोले एक सप्ताह के भीतर मकान खाली कर दो, मर्जी जहां चले जाओ
50 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे एक दलित गरीब परिवार के 45 सदस्यों का समूह तहसीलदार व कानूनगो के कड़े तेवर के चलते पूरी तरह से सहम गया है। दलित अशोक कुमार का आरोप है गांव पर तहसीलदार पहुंचे और बिना कोई पैमाइश या नाप जोख किए बोले कि इस मकान को गिरा दो खाली करा के जहां मर्जी हो वहां चले जाओ।
जब हम लोगों ने उनसे अपनी पीड़ा बतानी चाहिए तो हम लोगों की कोई बात उन्होंने नहीं सुना कहा तुम हमसे बहस करते हो। यदि स्वयं मकान नहीं गिराया तो मकान पर बाबा का बुलडोजर चलेगा और हम इसे जमींदोज करा देंगे चलेगा।
बोले एसडीएम मनकापुर
इस बाबत उप जिलाधिकारी मनकापुर आकाश सिंह ने बताया कि लेखपाल के द्वारा जो रिपोर्ट मिली है उसमें वह मकान खलिहान में नहीं आता है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा वहां पर दलित गरीब परिवार रह रहा है। जब वह सुरक्षित जमीन नहीं है तो उसे क्यों गिराया जाएगा।
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