रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। सकरौरा ग्रामीण के मजरा छतईपुरवा के निकट ब्रह्मचारी स्थान पर शुक्रवार की रात से रामलीला का मंचन शुरू हो गया। प्रथम दिवस स्थानीय कलाकारों द्वारा नारद मोह की लीला का मंचन किया गया।
लीला का शुभारंभ गणपति वंदना से हुई। नारद मोह लीला में हिमालय की तलहटी में रमणीक स्थान को देखकर नारद ने समाधि लगा ली। जिस पर इंद्र ने अप्सराओं सहित कामदेव को नारद की समाधि भंग करने के लिए भेजा।
नारद की भक्ति को डिगाने में कामदेव व अप्सराएं विफल हो गई। नारद को कामदेव पर विजय पाने का अहंकार हो गया।
भगवान विष्णु ने भक्त को भटकने से बचाने के लिए माया की नगरी व उसमें माया के स्वयंवर की रचना किया। शादी रचाने के लिए नारद ने भगवान से हरि का स्वरूप मांगा। भगवान ने नारद को बंदर का रूप दे दिया। स्वंयवर में लोगों ने नारद का उपहास किया।
जिस पर उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया कि जिस प्रकार से हम पत्नी के लिए तड़पे हैं ठीक उसी प्रकार पत्नी के वियोग में तड़पोगे और इन्हीं बंदरों के सहयोग के बाद तुम्हारा कल्याण होगा।
जिसमें नारद का अभिनय कृष्ण कुमार मिश्र ने बाखूबी निभाया। वहीं विष्णु का अभिनय कमलकांत शुक्ल ने किया।
इस मौके पर रवि पाण्डेय, सोनू पाण्डेय, लालबाबू पाण्डेय, सर्वेश पाण्डेय, अविनाश पाण्डेय, महेश पाण्डेय, अंशु पाण्डेय, अंकित पाण्डेय, गुलशन पाण्डेय, बब्लू पाण्डेय, शिव कैलाश पाण्डेय, दिलीप ओझा, शिवम ओझा, रजत ओझा, छोटे तिवारी, महेश मिश्र, संतोष विश्वकर्मा, शिव कुमार रामायणी आदि लोग मौजूद रहे।
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