रवि दुबे
खबर प्रतापगढ़ से है जहां जिले में पहले अवर्षण से परेशान हुए किसान आवारा पशुओं से अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए दिन रात एक कर किसी तरह अपनी फसल बचा लिए थे पर प्रकृति के प्रकोप ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिए बीते दिनों हुई जोरदार वर्षा के बाद जहां तैयार धान की फसल गिरकर तवाह हो गयी वही आलू मटर की तैयारी में भी ग्रहण लग गया।
खाली खेतों के उपयोग करते हुये तमाम किसान अगैती सरसो मटर व उर्द की बुवाई कर चुके थे पर कुपित इंद्र देवता ने खेतो को फिर से धान लगाने के लिए लबालब कर दिया है।
लोगो की माने तो इस बेमौसम बरसात ने किसानों की धान की ज्यादातर फसल बर्वाद कर ही दी है रवी चक्र की फसलों के लिए भी समस्या खड़ी कर दी है।
जिससे किसान परेशान नजर आ रहे है। बता दें किसानो के लिये अब खेती किसानी बहुत दुरूह कार्य बनता जा रहा है यही कारण है खरीफ फसल चक्र में कम ही भूभाग में धान की रोपाई की गई है।
किसानों की मानें तो खरीफ के धान की नर्सरी डालने से लेकर उसकी रोपाई करने तक का कार्य अवर्षण के चलते पंपिग सेट के सहारे करना पड़ा जिसके कारण तमाम किसानों ने तो रोपाई से ही तौबा कर लिया।
लेकिन बाद में लगातार होनेवाली बरसात ने किसानों को सिंचाई से तो जरूर राहत दी पर इसी बीच आवारा पशु किसानों की फसलों के दुश्मन बन गए और जिन किसानों ने घेराबंदी व भाग दौड़ कर अपनी फसले बचा ली वे अपनी तैयार फसलों को देखकर खुश हो रहे थे ।
परंतु यह क्या प्रकृति ने एकबार फिर उनके साथ दगा किया और अक्टूबर महीने में हुई जोरदार बारिश ने फसलों को बर्बाद करके रख दिया । धान की फसलें खेतो में गिर गयी और खेतों में लबालब पानी भरा हुआ है।
अब परेशान किसान पंपिग सेट के सहारे खेतो से पानी निकाल फसलों को बचाने के प्रयास में जुटे हुए है। पर लागत के अनुरूप उपज न होना तो तय है।
वही तमाम किसान आलू मटर उर्द व अगैती राई की बुवाई करते है। उन्होंने खेत की पूरी तैयारी कर ली थी पर अब उन खेतो में पानी भरा हुआ है जिससे फसल चक्र में भी झटका लगना निश्चित दिखाई पड़ रहा है।
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