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BALRAMPUR:पायनियर पब्लिक स्कूल में सरदार भगत सिंह जयंती


अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पायनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में बुधवार को सरदार भगत सिंह की जयंती धूमधाम से मनाई गई। 

छात्र छात्राओं ने सरदार भगत सिंह पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए तथा प्रबंध निदेशक द्वारा जानकारी प्रदान की गई ।

28 सितम्बर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘सरदार भगत सिंह' की जयंती मनायी गयी। 

विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी नें बताया कि भगत सिंह का जन्म 28 सिंतम्बर 1907 को हुआ था। सरदार भगत सिंह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने भारत की स्वतत्रंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किया। 

भारत की आजादी की लड़ाई के समय भगत सिंह सभी नौजवानों के लिए यूथ आइकॉन थे, जो उन्हें देश के लिए आगे आने को प्रोत्साहित करते थे। भगत सिंह सिख परिवार में जन्में थे।

 बचपन से ही उन्होंने अपने आस-पास अंग्रेजों को भारतीयों पर अत्याचार करते देखा था, जिससे कम उम्र मे ही देश के लिए कुछ कर गुजरने की बात उनके मन में बैठ चुकी थी। उनका सोचना था कि देश के नौजवान देश की काया पलट सकते है। 

भगत सिंह लाहौर के नेशनल कॉलेज में बी0ए0 कर रहे थे। भगत सिंह कॉलेज में बहुत से नाटक में भाग लिया करते थे, वे बहुत अच्छे एक्टर थे उनके नाटक, स्क्रिप्ट, देशभक्ति से परिपूर्ण होती थी, जिसमें वे कॉलेज के नौजवानों को आजादी के लिए आगे आने को प्रात्साहित करते थे, साथ ही अंग्रेजों को नीचा दिखाया करते थे। 

भगत सिंह बहुत मस्त मौला इन्सान थे, उन्हे लिखने का भी बहुत शौक था, कॉलेज में उन्हें निबंध में भी बहुत से प्राइस मिले थे। सन् 1930 में भगत सिंह जी ने व्हाई आई आई ऐम एथिस्ट नाम की किताब लिखी। 

अपने इस जीवन काल में भगत सिंह ने सभी नौजवानों को एक नई दिशा दिखाने की कोशिश की। भगत सिंह ने कहा था कि क्रांति मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है । साथ ही आजादी भी जन्म सिंद्ध अधिकार है और परिश्रम समाज का वास्तव में वहन करता है। 

भगत सिंह जैसी महान हस्ती के बलिदान के लिए पूरा भारत देश उनका ऋणी है, आज के सभी नौजवान उन्हें प्रेरणा मानते है। इनके बलिदान की कहानी देश विदेश में चर्चित है। भगत सिंह का पूरा जीवन संघर्ष से भरा रहा। 

मात्र 23 साल की उम्र में इन्होनें अपने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये। भगत सिंह के जीवन से आज के नौजवान भी प्रेरणा ग्रहण करते है। जयंती के अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम में मेधावी सिंह ने भगत सिंह का अभिनय करते हुए ‘‘मेरा रंग दे बसंती चोला‘‘ नामक एक सुन्दर देश गीत पर समूह नृत्य प्रस्तुत हुआ जिसमें आराध्या पाण्डेय, आशिता तिवारी, नाव्या मिश्रा, आस्था तिवारी, आयूशी श्रीवास्तव, सुभिक्षा मिश्रा एवं श्रृष्टि शुक्ला ने एक मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। अन्त में विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बच्चों द्वारा समूह नृत्य की प्रस्तुति को देखकर समस्त प्रतिभागिओं का उत्साहवर्धन किया तथा बताया कि सभी छात्र-छात्राओं के मन में एक देश प्रेम की भावना जागृत होनी चाहिए। 

इस अवसर पर विद्यालय, उप प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, आशुतोष मिश्रा, संतोष श्रीवास्तव, अध्यापकगण राघवेन्द्र त्रिपाठी (एक्टीविटी इंचार्ज), उर्वशी शुक्ला तथा समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें छात्राओं के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित किया।

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