अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के तहसील उतरौला मुख्यालय स्थित भारतीय विद्यालय इंटर कॉलेज परिसर में सोमवार को शिक्षक दिवस प्रधानाचार्य कुमेश कुमार सरोज के नेतृत्व में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। प्रधानाचार्यय सहित तमाम शक व शिक्षकों ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया ।
जानकारी के अनुसार 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर भारतीय विद्यालय इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रधानाचार्य एवं समस्त स्टाफ तथा छात्र छात्राओं ने महान शिक्षाविद, दार्शनिक एवं भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति डा० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया । तत्पश्चात उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया। प्रधानाचार्य कुमेश कुमार सरोज ने कहा कि डा० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन एवं चरित्र हम सभी के लिए अनुकरणीय एवं वन्दनीय है। इनका जन्मदिन हम सब शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। उन्होंने ने कहा कि शिक्षक के विना कोई भी मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण उपलब्धिओं को प्राप्त नही कर सकता है। वरिष्ठ शिक्षक राममोहन श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक जलती हुई मोमबत्ती के समान है, जो स्वयं जलकर दूसरे को प्रकाश देता है। हम सभी की प्रथम शिक्षक माता व पिता हैं, जो हमें प्रारंभिक ज्ञान प्रदान करते हैं। तत्पश्चात हमें विविध शिक्षकों से ज्ञान प्राप्त होता है, जो हमारे जीवन को उपयोगी बनाते हैं। शिक्षक दुर्गा प्रसाद ने कहा कि शिक्षक दिवस हमें अपने गुरुजनों के प्रति सम्मान एवं आदर प्रदान करने की प्रेरणा देता है। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता है। वही भावी पीढ़ियों को गढ़ता एवं निखारता है। शिक्षक सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की मजबूत बुनियाद शिक्षा पर ही आधारित होती है,जो विना शिक्षक के पूर्ण नही हो सकती है। छात्र मोहम्मद कैफ, आर्यन गुप्ता, छात्रा अंशिका मिश्रा व अंकिता सहित अन्य विद्यार्थियों ने भाषण एवं गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक दुर्गा प्रसाद ने किया । इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक राम मोहन श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार वर्मा, दुर्गा प्रसाद, मोहम्मद इस्लाम, शरद श्रीवास्तव, सुरेन्द्र कुमार, दीपक चौरसिया, दुर्गेश कुमार, श्याम कृष्ण श्रीवास्तव,पीटीआई अर्पण पाण्डेय, यशपाल सिंह,प्रियंका मिश्रा, शिल्पी केसरी, प्रधान लिपिक अमरेश पाण्डेय , सीता राम वर्मा, प्रेम कुमार त्रिपाठी, ईश्वर सरन, इन्द्र बहादुर, वीरेन्द्र, अमरनाथ, दिनेश, रमेश सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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