आनंद गुप्ता
पलियाकलां खीरी।कर्नाटक से आये एक हाथी शिशु की दुधवा टाइगर रिजर्व में मौत हो गई। मृत हाथी शिशु की उम्र लगभग पांच साल थी।
बताया जाता है कि काफी दिनों से मादा हाथी शिशु की तबियत खराब चल रही थी। उसका इलाज डॉक्टर दया कर रहे थे लेकिन हाथी शिशु को बचाया नही जा सका।
वर्ष 2018 में कर्नाटक से कई हाथियों को कड़े परिश्रम के बाद दुधवा लाया गया था। इन हाथियों में तीन बच्चे भी थे। इन्हीं बच्चों में मादा तुंगा भी शामिल थी। जिसकी बुधवार को मौत हो गई।
बताया गया है कि हाथी शिशु तुंगा की तबियत कई दिन पहले खराब हुई थी। उसने आहार लेना बंद कर दिया था।
तबियत खराब होने पर उसे डाक्टर दया को दिखाया गया लेकिन उन्होंने उसको गम्भीरता से नही लिया। सामान्य तौर पर उसे दवा देते रहे।
समय पर सही तरीके से इलाज न मिलने पर तुंगा की तबियत और खराब होती गई और आज सलूकापुर बेस कैंप में उसकी मौत हो गई।
तुंगा की मौत की जानकारी होने पर अधिकारियों को सूचना दी गई। मृत हाथी शिशु के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। सूचना पर डीडी पीके पांडेय कर्मियों के साथ मौके के लिए रवाना हो गए।
मई से चल रही थी बीमार
सूत्रों की माने तो पांच वर्ष की मादा हाथी तुगां मई से बीमार चल रही थी। शिशु का इलाज तो चल रहा था लेकिन महकमे ने उसे हल्के में लिया।
अगर करीब 5 माह से मादा शिशु हाथी बीमार चल रही थी तो उसका बेहतर इलाज क्यों नहीं कराया गया। सूत्रों की माने तो मादा शिशु की मौत पार्क प्रशासन की लापरवाही से गई है।
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