वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ ! देश व प्रदेश की सरकार महिला उत्थान के लिए कृत संकल्प है, इसके लिए महिलाओं को आगे आना होगा, सफलता उन्हें एक दिन जरूर मिलेगी.
उक्त विचार चाइल्ड फंड इंडिया व तरुण चेतना द्वारा ब्लाक सभागार में आयोजित आमना-सामना शिविर में मुख्य अतिथि तहसीलदार पट्टी मनोज कुमार राय ने व्यक्त किया.
तहसीलदार श्री राय ने कहा कि वरासत में बेटियों व् विधवा महिलाओं का नाम दर्ज होना एक अच्छी पहल है.
इससे महिलाओं के अन्दर आत्म निर्भरता आएगी. उन्होंने निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में भी विस्तार से बताया.
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि खंड विकास अधिकारी राम प्रसाद ने कहा पुरुष प्रधान समाज में ज्यादातर मालिकाना हक़ महिलाओं ने अपने पास ही रखा है इसके लिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना होगा इससे उनके अन्दर आर्थिक मजबूती आएगी, जिसके लिए यफपीसी एक अच्छा माध्यम हो सकता है.
श्री प्रसाद ने हर गरीब के सर पर हो अपनी छत का नारा देते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना व मुख्यमंत्री आवास योजना पर विस्तार से चर्चा की.
इस इंटरफेस कार्यशाला में कृषि रक्षा इकाई पट्टी के प्रावधिक सहायक नीरज कुमार ने कहा कि महिलाये परिवार व समाज की रीढ़ होती है, उनका हौसला बढ़ाने के लिए पुरुषों को अपना नजरिया बदलना होगा.
श्री कुमार ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 400 मिलियन महिलाये खेती का काम करती है परन्तु किसान के रूप में उनकी पहचान नहीं होती है जो चिंता का विषय है.
तरुण चेतना के प्रयास की सराहना करते हुए श्री नीरज ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि संघर्षशील महिला फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी निश्चित ही एक दिन महिलाओं को किसान के रूप में एक पहचान अवश्य दिलाएगी.
इस अवसर पर तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने बताया कि या संघर्षशील महिला प्रोड्यूसर कंपनी पर्यावरण के अनुकूल ही अपना व्यवसाय करेगी, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना है.
इससे इनके अंदर हिम्मत आने के साथ-साथ इनकी गरीबी भी दूर होगी. कार्यशाला में एक प्रोड्यूसर कंपनी की अध्यक्ष रानी मिश्रा ने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें और तेजी से आगे बढ़ने की सलाह दी. सुश्री मिश्रा ने अपनी तरफ से महिलाओं को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया.
. कार्यक्रम के अंत में संघर्षशील महिला यफपीसी की अध्यक्ष गार्गी पटेल ने कहा कि खेती में महिलाएं सबसे ज्यादा काम करती हैं इसलिए असली किसान तो महिलाएं ही हैं. उन्होंने महिला-पुरुष को एक दूसरे का पूरक बताते हुए पुरुषों को महिलाओं व बेटियों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता जताई.
कार्यशाला में कृषि विभाग के तकनीकी सहायक सुभाष चन्द्र यादव व रामपुर बेला के ग्रामप्रधान बलिकरन सरोज सहित यफपीसी समन्वयक राकेश गिरि, सावित्री पटेल व जल जीवन मिशन के संतोष चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे.
यूरोपियन यूनियन व बार्नफोण्डेन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम के अंत में शकुंतला देवी ने सभी अतिथियों वह महिलाओं का आभार व्यक्त किया।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ