गौरव तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। हिन्दी दिवस पर अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में एकत्रित होकर इसे राष्ट्र भाषा का संवैधानिक दर्जा दिये जाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम सामूहिक संकल्प प्रस्ताव पारित किया।
वकीलों ने संकल्प ग्रहण करने के बाद एसडीएम से मिलकर उन्हें राष्ट्र भाषा के संवैधानिक दर्जे की मांग के साथ राष्ट्रपति को संबोधित हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौपा।
लालगंज तहसील परिसर में हिन्दी दिवस पर बुधवार को हिन्दी मित्र संघ के तत्वाधान में संयुक्त अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ आम अधिवक्ताओं ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में अंगीकृत किये जाने की सामूहिक संकल्प लिया।
हिन्दी मित्र संघ के जिला संयोजक ज्ञान प्रकाश शुक्ल के संयोजन में वकीलों ने हिन्दी के जयकारे लगाते हुए न्यायिक कामकाज मे भी हिन्दी के विलेख प्रस्तुत किये जाने का भी संकल्प जताया।
संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में हिन्दी को राष्ट्र भाषा का संवैधानिक दर्जा दिये जाने की मांग उठाई है।
संयोजक ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने कहा कि संविधान मे दशकों पूर्व हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंर्तराष्ट्रीय पटल पर देश की मजबूत पहचान के लिए हिन्दी को राष्ट्र भाषा का संवैधानिक दर्जा अविलम्ब दिया जाना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता केबी सिंह तथा टीपी यादव व राव वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि एक देश तथा एक विधान के साथ एक राष्ट्र भाषा से ही देश की शक्ति संगठित हो सकेगी।
इसके बाद अधिवक्ताओं ने एसडीएम सौम्य मिश्र से मिलकर उन्हें संकल्प प्रस्ताव का ज्ञापन सौंपा।
कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्ष बीके तिवारी ने व विषय प्रवर्तन उपाध्यक्ष सिविल शहजाद अंसारी ने किया। सह संयोजक महामंत्री शेष तिवारी ने आभार प्रदर्शन किया।
इस मौके पर कालिका प्रसाद पाण्डेय, विनोद मिश्र, सिंटू मिश्र, संजय सिंह, शिव नारायण शुक्ल, प्रमोद सिंह, विपिन शुक्ल, सुशील शुक्ल, विनोदचंद्र शुक्ल, अनूप पाण्डेय, ललित गौड, इरफान हुसैन, मस्तराम पाल, जय नारायण यादव, सुजीत त्रिपाठी, राजेश जायसवाल, सुमित त्रिपाठी, हक्कुल यकीन अंसारी, चंद्रभाल पाण्डेय, जयवीर सिंह, अश्विनी कुमार पाण्डेय, संतोष मिश्र, बीडी पटेल, कल्पनाथ तिवारी, रविशंकर मिश्र, राजू सिंह आदि रहे।
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