वेदव्यास त्रिपाठी
खबर प्रतापगढ़ से है जहां सेना के जवानों पर लिखी पाती जैसी अवधी कविता लिखने वाले जनपद के अमर रचनाकार पं आध्दा प्रसाद मिश्र उन्मत्त की पुण्यतिथि पर उन्मत्त जी द्वारा स्थापित संस्था कविकुल की ओर से एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन जिला पंचायत सभागार में डॉ संगमलाल भंवर की अध्यक्षता व वरिष्ठ साहित्यकार पं रामसेवक त्रिपाठी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि समाजसेवी समाजशेखर एवं वरिष्ठ कवि आचार्य अनीस देहाती रहे। संचालन गंगा पांडेय भावुक ने किया।
विष्णु दत्त मिश्र प्रसून की वाणी वंदना से शुरू हुए कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं एवं कवियों ने अपनी विधाओं में उन्मत्त जी को याद करते हुए अपने संस्मरण सुनाए।
कविकुल जिला संयोजक आनंद मिश्र प्रचंड व संस्था के प्रबंधक आलोक आजाद ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया।
रायबरेली से पधारीं कवयित्री डॉ गीता पांडेय अपराजिता ने अपनी रचनाओं से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य अतिथि पं रामसेवक त्रिपाठी ने लम्बे समय तक उन्मत्त जी के साथ बिताए हुए क्षणों को याद करते हुए अत्यंत भावुक हो गए।
आचार्य अनीस देहाती ने अपनी कविता के माध्यम से उन्मत्त जी को श्रद्धासुमन अर्पित किया। संस्था के महासचिव शीतला सुजान ने अपने दार्शनिक गीत - " चलती रहेगी दुनिया बदलते रहेंगे चेहरे, कल और होगा कोई जंहा आज हम हैं ठहरे।" के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह में मुख्य रूप से प्रमोद प्रियदर्शी, कविकुल अध्यक्ष सुरेश व्योम, शेष नारायण दूबे राही, अरुण कुमार रत्नाकर, हरि बहादुर सिंह हर्ष, हरिवंश शुक्ल शौर्य, ई, चन्द्रकांत त्रिपाठी, गजेन्द्र विकट, अमरनाथ गुप्ता बेजोड़ आदि ने अपनी रचनाओं से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम की व्यवस्था अमन मिश्र प्रचंड व कार्यक्रम का समापन आनंद मिश्र प्रचंड ने आए हुए अतिथियों का आभार प्रकट कर किया। समारोह में जिले के गणमान्य लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ