दिनेश कुमार
गोण्डा। पति-पत्नी के विवाद में पीडित महिला को न्याय आखिर दस वर्ष बाद मिल ही गया। अपर प्रधान न्यायाधीश जनपद सिर्द्धार्थ नगर के आदेश पर जिलाधिकारी डा0 उज्जल कुमार ने आरोपी परशुराम की भूमि को तहसीलदार पैगाम हैदर को मौके पर भेज कर कुर्क करा दिया।
मामला तहसील मनकापुर के गांव पूरे कचरौली थाना खोडारे से जुडा है। पीडिता मंजू देवी ,थाना -भवानीगंज,जनपद -सिद्धार्थ नगर की शादी गोन्डा जनपद के परशुराम पुत्र राम चंदर निवासी पूरे कचरौली तहसील मनकापुर जनपद गोन्डा के साथ हुई थी।
पति परशुराम ने अपनी पत्नी मंजू देवी को पहले प्रताडित किये। इसके बाद छोड दिया। पीडिता अपने मायके में रहने लगी । पीडिता ने परिवार न्यायालय में मुकदमा दायर करके भरण -पोषण की धनराशि की मांग किया जिसमें न्यायालय द्वारा 17 अक्टूबर 2012 को आदेश हुआ किप्रतिमाह 02 हजार रूपये पीडिता मंजू देवी को भरण पोषण हेतु प्रतिवादी पति अपनी पत्नी को देगा।
लेकिन हठधर्मी पति ने आदेश के 114 माह व्यतीत हो जाने पर भी 04 लाख 56 हजार की धनराशि को नहीं दिया। जिस पर पीडिता ने पुनः न्यायालय को अवगत कराया तो न्यायालय अपर प्रधान न्यायाधीश सिद्धार्थ नगर ने जिलाधिकारी गोन्डा को पत्र भेज कर आरोपी परशुराम पुत्र राम चन्दर की भूमि गाटा संख्या-54 रकबा-0.0640 हेक्टेयर अर्थात 640 वर्ग मीटर भूमि कुर्क कर आख्या तलब किया ।
तहसीलदार पैगाम हैदर ने बताया कि न्यायालय के आदेश के क्रम में जिलाधिकारी महोदय के निर्देश पर परशुराम के नाम की भूमि जिसमें धान बोया हुआ था।
उस भूमि को तहसीलदार पैगाम हैदर ने पुलिस की मौजूदगी में कुर्क करके लाल झंडी लगवा कर कुर्क शुदा भूमि को भूमि प्रंबधक समिति को सुपुर्द कर दिया गया। यह जानकारी एसडीएम आकाश सिंह ने दी है।
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