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गोण्डा: प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य मंत्री लगातार अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए निर्देश दे रहे हैं। वही अधीक्षक व एक महिला चिकित्सक में काफी दिनों से आपसी खींचतान चल रही है।
वीडियोमहिला चिकित्सक की अभद्रता को लेकर स्वास्थ्य कर्मी आज दोपहर तक हड़ताल पर रहे।जिससे इलाज के अभाव में टीवी के एक मरीज ने स्वास्थ्य केंद्र पर ही दम तोड़ दिया।
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में कर्मचारियों ने डॉ सुषमा द्विवेदी के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने डॉ सुषमा पर प्रत्येक दिन अस्पताल परिसर तथा सभी स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करना,खुद देर से आकर सभी कर्मचारियों द्वारा जिस उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर करना व उसकी फोटो खींचना,तथा सभी कर्मचारियों से अशब्द भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर अनिश्चित काल धरने पर बैठ गए।
स्वास्थ्य सेवाएं बंद होने के कारण मरीज इलाज के लिए इधर उधर भटकते रहे।इस दौरान इलाज कराने आए मनकापुर के चौबेपुर गाँव निवासी 60 वर्षीय फागु पुत्र निरंजन की इलाज के अभाव में मौत हो गई।
अस्पताल में मरीज की मौत होते ही हड़कंप मच गया।प्रदर्शन की खबर पाकर एसडीएम मनकापुर अस्पताल परिसर पहुंचे।
जहां उन्होंने अधीक्षक डॉ डीके भास्कर व डॉ सुषमा द्विवेदी को आपसी वार्तालाप कर स्थिति समान्य बनाने के निर्देश दिए।वहीं एसडीएम की अपील पर अस्पताल कर्मचारियों ने धरना स्थगित कर दिया।
धरना प्रदर्शन के चलते ओपीडी बंद होने से मरीज़ रहे हलकान
स्टाप कर्मचारियों द्वारा किए गये धरना प्रदर्शन से स्वास्थ सेवाएं बंद हो गयी।इस दौरान इलाज कराने आए मरीज़ इधर उधर भटकते देखे गये। बक्सरा गाँव से अपनी पत्नी का इलाज कराने आए राम विलास ने बताया की वो दवा लेने आए थे मगर स्वास्थ सेवाएं बंद होने से डाक्टरों के इंतज़ार में एक घंटे से बैठे हैं।
मछली बाजार के रहने वाले चंद्र प्रकाश द्विवेदी के बच्चे का हाथ टूटा हुआ था। जिसके लिए इलाज कराने सुबह 10 बजे अस्पताल आए थे।मगर डाक्टर ना होने से घंटों तक बैठे रहे। विशुनपुर निवासी विमला ने बताया की एक घंटे से पर्ची कटने के इंतज़ार में बैठे हैं मगर पर्ची काउंटर बंद है।पिकौरा गाँव से आए महेन्द्र गिरी भी पर्ची ना कटने से घंटों इंतज़ार में बैठे रहे।
मेरे ऊपर लगे सभी आरोप निराधार: डॉ सुषमा द्विवेदी
डॉ सुषमा द्विवेदी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया।उन्होंने बताया की मेरे आने से जिन लोगों को आर्थिक नुकसान हो रहा है,वही मेरा विरोध कर रहे हैं।
विरोध के चक्कर में आए दिन कभी मेरे कक्ष की बिजली काट दी जाती है,तो कभी अंदर पानी भर दिया जाता है।जिससे हम ऑफिस में बैठकर मरीज ना देख सकें।
आए दिन स्टाफ कर्मचारियों द्वारा मुझे बाहरी बोलकर प्रताड़ित किया जाता रहा है,जिसकी शिकायत लिखित व मौखिक रूप से अधीक्षक व सीएमओ से दर्ज कराई।
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