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भोर की पौ फटते ही चारों दिशाएं जगत जननी जगदम्बा के जयकारों से हुई गुंजायमान

 


मंदिरों तथा पाण्डालों में पूजी गयी मां शैलपुत्री, घरों में कलश स्थापना में उत्साह 

पाण्डालों में विराजीं शक्ति स्वरूपा मां जगदम्बा

आलोक शुक्ला

लालगंज, प्रतापगढ़। सोमवार को शारदीय नवरात्र के पहले दिन भोर की पौ फटते ही चारों दिशाओं से मां जगदम्बे के जयकारे गूंज उठे। मंदिरों के साथ दुर्गा पूजा को लेकर सजाए गए पाण्डालों मे शंख ध्वनि के बीच जगत जननी जगदम्बा का पूजन अर्चन एवं आरती की श्रृंखला शुरू हो गयी। 


पाण्डालों मे वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य मां दुर्गा तथा साथ मे भगवान् गणेश तथा भगवान् कार्तिकेय एवं मां सरस्वती की प्रतिमाओं की स्थापना के लिए आयोजको द्वारा संकल्प लिया जाने लगा। 


नगर में पुराने शिव मंदिर तथा बाजार खास व नेताजीपुरम एवं घुइसरनाथ रोड समेत दर्जन भर दुर्गा पाण्डालों पर मां की आराधना को लेकर भक्त झूम उठे दिखे। वहीं ग्रामीण अंचलो मे भी दुर्गा पूजा उत्सव का भव्य आगाज हुआ। 


क्षेत्र के पौराणिक स्थली बाबा घुइसरनाथ धाम में नवरात्र के पहले दिन सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का दर्शन पूजन का सिलसिला उत्साह के माहौल मे दिखा। बाबा धाम में पुलिस की तैनाती भी नवरात्र को लेकर हाईअलर्ट दिखी। 


वहीं लालगंज के हरिहरमंदिरम् स्थित मां दुर्गा तथा मां पीताम्बरा व मां विश्वमोहिनी की प्रतिमाआंे के समक्ष भी भक्त धूप दीप व पुष्प अर्पित करने में श्रद्धा भाव के बीच आत्मविभोर हो उठे। 


पौराणिक देवी धाम इनहन भवानी में नवरात्र का मेला पहले दिन ही रंगत मे दिखा। बड़ी संख्या मे श्रद्धालु महिलाओं ने भी देवी मां को चूनर तथा नारियल भेंट किये।


 यहां संस्कृत विद्वान आचार्य राजेश मिश्र ने बताया कि धाम में देवी पूजन को लेकर प्रतिदिन मां का विविध श्रृंगार श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रस्तुति मे होगा। गुम्मौर देवी वन तथा मनीपुर चंदापुर स्थित ग्राम देवी, कल्यानपुर ढिगवस में मां काली मंदिर एवं नगर पंचायत के सांगीपुर वार्ड में मां चतुर्भुजी देवी एवं भेभौरा में मां संकटा देवी, राहाटीकर मे दुर्गा देवी मंदिर तथा अगई मे दुर्गन देवी धाम मे भी श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर दिखी।


 शाम की बेला मे ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के श्रद्धालु पाण्डालों की आकर्षक सजावट को निहारते दिखे। नवरात्र को लेकर नगर के इंदिरा चौक पर विशेष पुलिस पिकेट की तैनाती भी नजर आयी। 


वहीं घरों मे सनातन परम्परा के तहत कलश स्थापना के साथ विधिविधान से देवी की स्थापना कर भक्तों ने देवी पाठ के माध्यम से मां से कल्याण की कामना की। 


पाण्डालों व मंदिरों मे दिन भर देवी भक्तों को प्रसाद भी ग्रहण करते देखा गया। वहीं अधिकांश लोगों को मां शैलपुत्री की आराधना में उपवास में मां की भक्ति-भावना में गोते लगाते भी देखा गया।

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