बीपी त्रिपाठी
गोण्डा25 सितंबर। एक तरफ जिलाधिकारी उज्ज्वल कुमार द्वारा दिन रात मेहनत कर भ्र्ष्टाचारियों पर शिकंजा कसने हेतु कार्यवाही की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सीएमओ कार्यालय का चहेता लिपिक शशिकांत सिंह द्वारा खुलेआम किए जा रहे मनमानी की चर्चा जोरों से चल रही है।
मीडियाकर्मियों द्वारा जमीनी हकीकत की पड़ताल करने पर कक्ष-संख्या-10 में निजी ऑपरेटर द्वारा सरकारी कार्यों का डाटा फीडिंग कार्य करते पाया गया। यह वही चर्चित लिपिक हैं जिनके विरूद्ध संविदा स्टॉफ नर्सों ने ज्वानिंग लेटर देने के बदले रिश्वत माँगने का आरोप लगाया था।
जिसको संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी द्वारा एएसडीएम कुलदीप सिंह से 23 सितम्बर 2022 को जांच भी कराया गया। इतना ही नही चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी हरीराम कक्ष नम्बर 4 में लिपिक के स्थान पर बैठकर स्टेट बजट कार्यों का लिखा-पढ़ी कर सरकारी रजिस्टर में चढाते हुए कैमरे में कैद हुए।
आमजनमानस में चर्चा है कि फर्मों को टेण्डर देने व कमीशन लेकर जिम्मेदारों तक पहुंचाने में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हरीराम का भारी योगदान रहता है इसलिए उन्हें संबंधित लिपिक सहित सीएमओ का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है।
यदि स्टेट बजट के पत्रावलियों पर अंकित लेखनी की मिलान संबंधित लिपिक व चतुर्थ श्रेणी के लेखनी से कराई जाय तो कार्यालय में चल रहे मनमानी के खेल का पर्दाफाश हो सकता है।
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