सांसद प्रमोद तिवारी ने बाबा घुइसरनाथ धाम होते हुए नेशनल हाइवे की मंजूरी का दिलाया भरोसा, अथर्व किसान सेवा केन्द्र का किया भव्य उद्घाटन
गौरव तिवारी
लालगंज-प्रतापगढ़। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने पौराणिक स्थली बाबा घुइसरनाथ धाम को जोड़ते हुए अयोध्या से चित्रकूट धाम के लिए एक नये नेशनल हाइवे की लोगों को सौगात दिये जाने की बड़ी घोषणा की है।
रामपुर बावली के अनेहरा में हुए कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि सांसद प्रमोद तिवारी ने जब अयोध्या से चित्रकूट धाम के लिए जगदीशपुर, वाया अठेहा, सांगीपुर, बाबा घुइसरनाथधाम, लालगंज, रामपुर बावली, संग्रामगढ़, आलापुर, गंगा पुल से चित्रकूट धाम के लिए एक नये नेशनल हाइवे के निर्माण की घोषणा की तो लोगों के चेहरे खिल उठे।
गुरूवार की शाम अथर्व किसान सेवा केन्द्र की लोगों को सौगात सौंपते हुए सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि नेशनल हाइवे के लिए पहले स्टेट हाइवे का मानक हुआ करता है।
उन्होंने बताया कि लालगंज, कालाकांकर हाइवे को उनके तथा विधायक आराधना मिश्रा मोना के प्रयास से स्टेट हाइवे की मंजूरी मिल चुकी है।
ऐसे में श्री तिवारी ने कहा कि राज्यसभा सांसद के पिछले कार्यकाल में उन्होंने अयोध्या-चित्रकूट नेशनल हाइवे के प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू करा दी थी।
अब राज्यसभा के इस कार्यकाल में इस नेशनल हाइवे को पूरा कराना उनकी सबसे अहम प्राथमिकता है। वहीं सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि किसानों को फसल उत्पादन के क्षेत्र में आवश्यकता के क्षेत्र में हर वितरण में पारदर्शिता मिलनी चाहिए।
श्री तिवारी ने कहा कि कृषि एवं व्यापार की तरक्की के लिए पारदर्शिता तथा गुणवत्ता के लिए बाजार में विश्वसनीयता सबसे अहम हुआ करती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी एवं पूर्व प्रधान पं• रमाशंकर शुक्ल ने कहा कि इस किसान सेवा केन्द्र से लोगों को डीजल तथा पेट्रोल की उपलब्धता शत-प्रतिशत गुणवत्ता परक शुद्धता से आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाएगी। सम्मेलन का संचालन मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने किया।
संयोजक दिवाकर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत किया। सह-संयोजक श्याम शंकर शुक्ल, रामकृष्ण शुक्ल व प्रभाकर शुक्ल ने सांसद प्रमोद तिवारी का आयोजन समिति की ओर से सारस्वत सम्मान किया।
इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य रघुनाथ सरोज व दिलीप पाण्डेय, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश, माता फेर पाल, भुवनेश्वर प्रसाद शुक्ल, माता प्रसाद पाण्डेय, लालजी पटेल, माता शुक्ला, आनंद पाण्डेय, राकेश चतुर्वेदी, महंथ द्विवेदी, राकेश पाण्डेय आदि रहे।
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