एक एकड़ जमीन में लगी फसल को उजाड़कर सभी को बसाया
आयुष मौर्य
धौरहरा खीरी।जिले की ईसानगर ब्लाक की ग्राम पंचायत खनवापुर के बॉर्डर पर स्थित पड़ोसी जनपद सीतापुर की ग्राम पंचायत सेतुही के मजरा परेवा में शारदा नदी के प्रकोप से घर बार खो बेघर हुए करीब 30 परिवारों के लिए खनवापुर के प्रधान उस समय मसीहा बन गए जब प्रशासन ने सभी से मुंह मोड़ लिया।
नदी में सबकुछ खो चुके परिवारों का दर्द देख ग्राम प्रधान ने अपने एक एकड़ खेत मे लगी गन्ने की फसल को कटवाकर सभी के कच्चे घर बनवाकर उन्हें सहारा दे दिया।
जिसको देख पीड़ितों के साथ साथ सीतापुर के सम्भ्रांत लोगों ने उनकी सराहना की है।
जिले की ईसानगर की ब्लाक के ग्राम पंचायत खनवापुर के पास पड़ोसी जनपद सीतापुर की ग्राम पंचायत सेतुही मजरा परेवा में बीते एक महीने से शारदा नदी ने कटान शुरू करते हुए लगभग पूरे गांव का वजूद मिटा दिया है।
यहां घर बार खो चुके गजोधर, राजू, नीलू, दिलीप, जगतपाल, बाबू, रामलखन, रामपाल, सोबरन,
जगदीष, सतीश, सुशील, मनोहर, रामलखन, सुरेश, नयको, कमलेश, शिवकुमार, राधे, राजेन्द्र, अवधेश, बुद्धिप्रकाश, बैजनाथ, राकेश, कृष्णावती, नरेश, अशोक, गुड्डू, अनिल, सुनील, रामबेटी, अजय, छोटू खनवापुर के पास बने बंधे व उसके आस पास सड़कों पर तिरपाल डालकर गुजर बसर कर प्रशासन से मदद की आस लगाये हुए थे।
पर सीतापुर के जिम्मेदारों द्वारा इनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था करते न देख सभी मायूस हो गए।
जिनकी दुर्दशा देख लखीमपुर के ब्लॉक ईसानगर की ग्राम पंचायत खनवापुर के प्रधान विपेंद्र सिंह ने सभी को आसरा देने की ठान अपने गांव के पास अपनी करीब एक एकड़ जमीन में लगे गन्ने की फसल को कटवाकर सभी को कच्चे घर बनवाने में मदद कर सहारा दे दिया।
जिसको देख सीतापुर समेत लखीमपुर के लोग भी उनकी इस दरियादिली की सराहना कर रहे है।
बिजली पानी की नहीं है व्यवस्था
ईसानगर के ग्राम प्रधान विपेंद्र सिंह ने करीब 30 परिवारों को अपनी निजी जमीन देकर घर बनवाने में मदद कर कटान पीड़ितों को जहां बहुत बड़ी समस्या से राहत दे दी है।
वहीँ हैंडपम्प व बिजली व्यवस्था न होने के चलते सभी को रात अंधेरे में गुजारनी पड़ रही है। इसके साथ साथ शुद्ध पानी के लिए सभी को खनवापुर गांव तक जाना पड़ रहा है।
शुद्ध पानी व उजाले को लेकर सीतापुर की तहसील लहरपुर में पीड़ित जगतपाल , रामलखन, गजोधर ने क्षेत्रीय लेखपाल समेत अपने ब्लॉक बेहटा से एक हैंडपम्प व सोलर लाइट की व्यवस्था करवाने की मांग की है , बावजूद अभी तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते सभी की रात अंधरे में ही गुजर रही है।
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