रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा नदी में जलस्तर के उतार-चढ़ाव से एक बार फिर एल्गिन-चरसडी बांध को खतरा पैदा हो गया है।
एक सप्ताह से घटते बढ़ते जलस्तर ने बांध के आसपास गांव के ग्रामीणों की नींद हराम कर दिया है।
इस दौरान करीब छह किलोमीटर लंबे बांध के किनारे कटान की स्थिति बनी हुई है।
लगातार एक सप्ताह से सरयू नदी का जलस्तर तेजी से घट बढ़ रहा है। जिसमें 28 अगस्त को जलस्तर खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर नीचे था।
वहीं 29 अगस्त को 95 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया, दोपहर बाद जलस्तर बढ़कर 69 सेंटीमीटर पर रुका और मंगलवार को यह जलस्तर खतरे के निशान से 22 सेंटीमीटर नीचे था और मंगलवार शाम को यह जलस्तर तेजी से बढ़ता हुआ खतरे के निशान के बराबर 106.07 पर पहुंच गया।
बुधवार को सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 9 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा और डिस्चार्ज 2 लाख 47 हजार रहा। बांध के किनारे बसे गांव में ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ी हुई है।
अधिकांश स्थानों पर नदी बांध के किनारे से बह रही है जिससे बांध को भी खतरा कम नहीं है। जबकि बांध की देखरेख में लगे अधिकारी बांध पर बने कैंप कार्यालय में बैठकर जलस्तर देखते रहते हैं और बांध की सुरक्षा के प्रति उनकी सजगता दिखाई नहीं दे रही है।
बांध पर निगरानी में लगे अधिकारियों की लापरवाही बांध पर भारी पड़ सकती है। बांध पर मौजूद अवर अभियंता रवि वर्मा का कहना है कि नदी का जलस्तर घट बढ़ रहा है जिससे अभी तक बांध को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।