वेदव्यास त्रिपाठी
खबर प्रतापगढ़ से है जहां अखिल भारतीय साहित्य परिषद काशी प्रांत के कार्यकर्ताओं के दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का अफीमकोठी में समापन हुआ।
परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि हमें अपनी साहित्यिक परंपरा को जीवित रखना है।
हमारे साहित्य में आयुर्वेद चिकित्सा,संगीत और युद्धकौशल के साथ ही साथ समग्र प्रबंधन भी सम्मिलित रहा है ।
परिषद की राष्ट्रीय मंत्री और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ नीलम राठी ने स्व मूल्यांकन की विधि और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा किया।
परिषद के राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री पवनपुत्र बादल ने कार्यकर्ताओं को अच्छी पुस्तकों के निरंतर अनुशीलन का तर्कसंगत सुझाव दिया।
समापन समारोह का धन्यवाद ज्ञापन काशी प्रांत के महामंत्री डा लहरी राम मीणा ने किया।
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