अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित वात्सल्य ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के बच्चों ने मंगलवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध विजेता विजय कुमार एवं 50 वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट अभिषेक सिंह से ऑनलाइन बातचीत की ।
26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर वात्सल्य ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के बच्चों ने कारगिल विजय के हीरो विजय कुमार से अनुशासन व उसके महत्व के बारे में चर्चा की। कक्षा 3 के छात्र अरिहंत शुक्ला एवं यूकेजी की छात्रा नित्या सिंह ने पूछा कि वे डॉक्टर बनना चाहते हैं तथा भविष्य में वे सेना में अपनी सेवा किस प्रकार दे सकते हैं।
विजय कुमार ने जवाब दिया कि आज खूब पसीना बहाने की आवश्यकता है । आप बच्चे जितना पसीना आज बहा लेंगे कल देश के लिए उतना ही खून बहा सकेंगे। जितना कठिन परिश्रम इस अवस्था में बच्चे करेंगे ,उतना ही भविष्य में राष्ट्र के निर्माण में आपका योगदान होगा।
विजय कुमार सिंह ने बताया कि जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति सेना में ही शामिल हो पाए । हम शिक्षक बनके, डॉक्टर बनके, इंजीनियर बनके या किसी भी व्यवसाय में लग कर के ईमानदारी से अपने कार्य को करके राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं।
बच्चों की उत्सुकता को शांत करते हुए उन्होने कहा कि पहले आप डॉक्टर, इंजीनियर बनिए फिर भारतीय थल सेना जल सेना वायु सेना में भी आप अपना भविष्य बना सकते हैं ।
वहां भी डॉक्टर व इंजीनियर की आवश्यकता होती है। श्री सिंह ने लड़कियों की शिक्षा हेतु विशेष आग्रह अभिभावकों से किया, कि बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में बालकों से पीछे नहीं हैं ।
सेना में भी बालिकाएं कंधे से कंधा मिलाकर देश की सुरक्षा कर रही हैं। विजय कुमार ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने की आवश्यकता है ।
आज की ऑनलाइन परिचर्चा में बच्चों ने ना सिर्फ बातचीत की बल्कि कारगिल युद्ध के दौरान हुई घटनाओं के बारे में भी विजय कुमार जी ने कहानी के माध्यम से बच्चों को सुनाया।
एसएसबी, 50 वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट अभिषेक सिंह ने भी बच्चों को प्रोत्साहित किया एवं कारगिल दिवस क्यों मनाया जाता है उसके बारे में जानकारियां दी ।
उन्होंने यह भी बताया है किस किस समय पर बच्चों को उनके स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी दी जाए । कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विद्यालय में कला एवं नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चो ने बढ़चढ़कर प्रतिभा किया ।
सभी प्रतिभागियों में एक अलग ही उत्साह का माहौल देखने को मिला। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ आशुतोष प्रसाद शुक्ला ने बताया कि बच्चों के अंदर शक्ति का पुंज है ।
अभिभावक, शिक्षक एवं समाज अगर इनके भविष्य के लिए अच्छी-अच्छी बातें बताएंगे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत सोने की चिड़िया बनकर फिर से विश्व पटल पर आगे बढ़ेगा ।
आपने कहा कि बच्चों को अनुशासन के साथ साथ धैर्य की बहुत आवश्यकता है । आलस्य को हटाकर के विकास की ओर बढ़ने की एक जिद बच्चों में होनी चाहिए।
बच्चों को हर समय कठिन परिश्रम से पीछे नहीं हटना चाहिए। इस अवसर पर वात्सल्य पब्लिक स्कूल, की कोऑर्डिनेटर अनुष्का पांडे एवं वात्सल्य इंटरनेशनल स्कूल की कोऑर्डिनेटर शिखा सिंह सहित अन्य शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
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