डॉ ओपी भारती
वजीरगंज गोण्डा। डुमरियाडीह निवासनी शिवकुमारी बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान चुनी गई।
ग्राम पंचायत चुनाव के बाद गठित समितियों / पंचायत गठन के उपरान्त सचिव एवं प्रधान द्वारा संचालित होने वाले संयुक्त बैंक खातों को खोलवाने के बाद लगभग एक वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरान्त पंचायत सचिव द्वारा न मुझसे कोई सलाह ली जा रही है और न कोई सलाह दी जाती है।
पंचायत सचिव नरेन्द्र कुमार द्वारा मुझसे यह कहा गया कि अभी जिलाधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत डुमरियाड़ीह का विकास कार्य रोक दिया गया है।
मैं चुप रही परन्तु माह मई / जून में मेरे द्वारा चतुर्थ राज्य वित्त / चौदहवां / पन्द्रहवां वित्त के खाते का विवरण अपने पति के माध्यम से बैंक से निकलवाने पर ज्ञात हुआ कि लगभग तीन दर्जन तिथियों में लगभग 16 लाख रूपये उक्त दोनों निधियों के खाते से गायब हैँ |
तब मुझे झटका लगा कि यह धनराशि कौन निकाल रहा है। पंचायत सचिव द्वारा मुझसे दो बार मेरा डोंगल मांगा गया था,तब मुझे मेरा मानदेय दिया गया|
उसके बाद व पहले डोंगल मेरे पास है, फिर भी खाते से धनराशि का आहरण किया जाना, सचिव द्वारा मुझे बिना बताये किस विकास कार्य पर
व्यय किया गया, बिना मेरा डोंगल लिये भुगतान कैसे लिया |
यह मुझे जानकारी नहीं है| कोई भी कार्य की पत्रावली मेरे सामने नहीं लायी गई, कौन सी कार्य योजना बनी है मुझे जानकारी नहीं है|
ग्राम प्रधान ने प्रकरण की गहन जांच कराकर दोषी सचिव के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने, ग्राम पंचायत में हो रहे कार्य को तत्काल रोकवाने व मेरे डोंगल की जांच कराकर मुझे मेरा डोंगल दिलाने की कृपा करें।
जिससे मैं अपने गांव का विकास कार्य अपनी देखरेख में गांव की जनता के आवश्यकतानुसार करा सकूं। भुगतान नित धनराशि का कुछ विवरण पत्र के साथ में संलग्न है।( लगभग 16 लाख रु)। पीड़िता ने 4 जुलाई को खंड विकास अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिलाधिकारी व मुख्य मंत्री को प्रार्थना पत्र भेज कर कार्यवाई की मांग की है।
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