दिनेश शुक्ला
मनकापुर गोण्डा: इंडिया के मैप पर डिजिटल सिटी ऑफ इंडिया आईटीआई के आने से मनकापुर ने अपनी अलग पहचान बना ली थी। जिसे 50 वर्ष पूर्व तो नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हो गया। लेकिन विकास के नाम पर आज भी झुनझुना ही मिलता रहा है ।
जी हा हम बात कर रहे है ज़िला मुख्यालय से करीब 30 कि०मी० दूरी पर स्थित है नगर पंचायत मनकापुर की।
2011 की जनगणना के अनुसार करीब 10 हज़ार की आबादी वाले मनकापुर क्षेत्र को 1972 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था।
नगर पंचायत को 10 वार्डों में विभाजित किया गया है।यह क्षेत्र गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भइया का निवास स्थान होने से और भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
हालाँकि नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुए 50 साल हो गये,पर आज भी यहां विकास का पहिया थमा हुआ है।
हालाँकि इन पाँच सालों में जबसे युवा सभासदों ने नगर पंचायत के वार्डों की कमान सम्भाली है थोड़ा बहुत काम कराया गया,मगर वो पर्याप्त नहीं है।
नगर पंचायत मनकापुर क्षेत्र आज भी विकास के मामले में पीछे रह गया है।हर पाँच साल पर चुनाव आते ही जनप्रतिनिधी मनकापुर नगर पंचायत को सजने संवारने की बात करते हैं,लेकिन चुनाव जाते ही सारे वादे भूल जाते हैं।
मनकापुुर नगर पंचायत में विकास का पहिया आज भी इन्ही जनप्रतिनिधीयों के वादों इरादों के बीच अटका हुआ है।
यहां का सबसे अहम मुद्दा मनकापुुर नगर पंचायत का सीमा विस्तार कर नगर पालिका का दर्जा दिया जाना,जल निकासी के बेहतर इंतज़ाम,लोगों को जाम से निजात,अच्छी सड़क,अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, नगर पंचायत में पार्किंग व टैक्सी स्टैंड के साथ बस स्टाप का ना होना है।
जब-जब भी चुनावी बिगुल बजता है नेता निकल पड़ते है जनता से ढेरों वादे-इरादे,झूठी कसमें खाने और चुनाव बीतते ही सब भूल जाते हैं।
जिससे जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह जाती है।व्यापारीयों के लिए सबसे बड़ी समस्या जाम व पार्किंग है।
मनकापुर गुमटी तिराहे पर स्थित रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज ना होने से आए दिन जाम लगा रहता है।
यहां शहर को जगमग करने के लिए हाईमास्ट लाइट तो लगवाया गया था,पर कई सालों से सभी की सभी लाइटें खराब पड़ी हैं,नगर में बेहतर जल निकासी की सुविधा ना होने से हलकी सी बारिश में भी पानी सड़कों,पटरियों पर भर जाता है।
पुरानी सब्जी मंडी में आरसीसी सड़क बनने से दोनों साइड की पटरियों को लेबल ना करने से 5-6 इंच का गैप बन गया है जिससे लोग आए दिन गिरकर चोटिल हो रहें हैं,लेकिन इसपर भी जिम्मेदार खामोश हैं।
शहर के मध्य स्थित एक बस्ती भट्टपुरवा है,जो जवाहर नगर मोहल्ले में आता है।कहने को तो ये नगर पंचायत में है,पर यहां की सुविधाएं किसी गाँव जैसी ही हैं।यहां भी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।
इन सबपर पूर्व चेयरमैन राम कृपाल राहुल का कहना है ज़िम्मेदार अपनी ज़िम्मेदारी को भूल बैठे हैं।जो काम मेरे शासन काल में हुआ उतना किसी भी नगर पंचायत अध्यक्ष ने नहीं कराया।
वहीं वर्तमान चेयरमैन प्रदीप गुप्ता ने बताया की जनता की समस्याओं के निस्तारण के लिए नगर पंचायत हमेशा तत्पर है।
सभासद अखंड प्रताप सिंह ने बताया की उनके माध्यम से पटेल नगर में तमाम कार्य कराए गये, जिसमे आरसीसी, इंटरलाकिंग सड़क, सरकारी नल, सार्वजनिक शौचालय, आवास, शामिल हैं।
वहीं सभासद वैभव सिंह,राजेश मौर्या, सुरेन्द्र कुमार उर्फ पन्नी लाल का कहना है की पिछले पाँच सालों की तुलना में इस बार ज़्यादा काम हुआ है।बाकी बचा हुआ काम भी जल्द करा दिया जाएगा।
एक बार फ़िर जल्द ही चुनाव आने को है तो ऐसे में एक बार फ़िर चेयरमैन पद के नए नए दावेदार जनता को रिझाने, समझाने निकल पड़े हैं।
उनको नगर में विकास के सुनहरे सपने सपने ही रहेंगे या साकार करेंगे यह तो चुनाव बाद देखा जायेगा।
लेकिन इस बार पहले देखना यह होगा की जनता किसे अपना प्रतिनिधि स्वीकार करती है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ