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एक माह पूर्व कब्रिस्तान में दफना आए थे जिसे,40वे की हो रही थी तैयारी, ज़िंदा लौटा युवक

 


सतेंद्र 

कौशांबी ज़िले में एक बेहद ही चौका देने वाला मामला सामने आया है। 


एक मुस्लिम परिवार ने जिसे अपना बेटा समझ कर कब्र में दफनाया था, वो बृहस्पतिवार को उस वक्त लौट आया जब परिवार उसके 40वे( अंतिम संस्कार के बाद का कार्यक्रम) फातेहा की तैयारी कर रहे थे। उसके ज़िंदा लौटने की चर्चा चारो तरफ हो रही है।


दरअसल 11 जून को सैनी कोतवाली क्षेत्र के मारधार रेलवे स्टेशन के पास एक युवक ने ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर लिया था, सूचना पर पहुची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 


उसके बाद पुलिस ने इलाके में जितने लोग मिसिंग हुए थे उनके परिजनों को बुला कर शव की शिनाख़्त करवाई। 


तभी बिजलीपुर गाँव की रहने वाली शफीकुन्निशा ने अपने बेटे रमज़ान के रूप में पहचाना। शव की शिनाख़्त होने के बाद पोस्टमार्टम हुआ, और शव को परिजनों को सौप दिया गया। 


पिता शब्बीर ने शव को गाँव के ही करब्रिस्तान में दफ़न कर दिया। लेकिन आज अचानक बेटे के ज़िंदा लौटने पर माँ, बाप के खुशी का ठिकाना नही है।

शफीकुन्निशा -- रमज़ान की माँ


शफीकुन्निशा का कहना है कि 4 माह पहले से हमारे बेटे से बात नही हुई। हम लोग रो रो कर पागल हो हुए जा रहे थे। 


जब पुलिस ने लाश को दिखाया तो हमने समझा के हमारा बेटा है। शक्ल सूरत में मिलता जुलता था, तो समझा हमारा बच्चा है। 


उस वक्त ऐसा लगता था कि धरती फट जाए और हम लोग उसमें समा जाए। अब बेटे को ज़िंदा देख शब्बीर और शफीकुन्निशा दोनों खुश है।

रमज़ान


रमज़ान ने बताया कि रोज़गार नही होने पर उसको माँ-बाप दोनों ही ताना मारा करते थे। रोज़ रोज़ के तानों से तंग आ कर वह 4 माह पहले ही प्रयागराज भाग गया था। और वहां पर मजदूरी करता था। 


मोबाइल फोन नही होने के कारण गाँव से सम्पर्क टूट गया था। कल गाँव के ही एक व्यक्ति ने शहर में देखा तो चौक गया। उसने बात की तुम्हरा तो गांव में अंतिम संस्कार हो गया है। और कल 40वा है। 



इस बात की जानकारी होने पर हम घर पहुचे। जहा पर हमें जीवत देख लोग हैरत भारी निगह से देखते थे। 


जिस शव को रमज़ान समझ कर दफनाया गया था। एक माह बाद फतेपुर जनपद के रहने वाले सन्तराज ने सैनी कोतवाली पहुच कर उसे अपने बेटे सूरज का शव होने का दावा किया। 


पुलिस और ज़िला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने शव को कब्र से निकाल कर डीएनए कराने का आदेश दिया। 



डीएम के आदेश के बाद 3 जुलाई को दोनों परिवारों को बुलाया गया, और कब्र से शव निकाल कर सैम्पल लिया गया। 


उसके बाद डीएनए के लिए सैम्पल लैब भेज दिया गया। लेकिन डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही रमज़ान शकुशल घर वापस आ गए। 


हालांकि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा की शव सूरज का है या फिर किसी और का। अब सन्तराज को डीएनए सैम्पल का बेसब्री से इंतेज़ार है। 



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