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स्वास्थ्य विभाग के बड़े बड़े दावों की पोल खोल रहा सीएचसी खमरिया



डाक्टरों के अभाव में रात भर दर-दर की ठोकरें खाते रहे मरीज

एक मात्र फार्माशिस्ट के सहारे चलाई जा रही इमरजेंसी 

आयुष मौर्य 

धौरहरा-खीरी।प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जहां स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जीजान लगाए हुए है,


वहीं धौरहरा के ब्लॉक ईसानगर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खमरिया उनकी मेहनत पर पानी फेरता नजर आ रहा है।

जिसका जीता जागता नजारा बुधवार को सायं से देर रात तक दिखाई पड़ा । जहां मारपीट में घायल हुए महिलाओं बच्चों के साथ साथ एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायलों व अचानक बीमार होकर आई महिलाओं को शुद्ध इलाज तो दूर बेड तक नसीब नहीं हो सका।

जिसको देख तीमारदारों ने मजबूर होकर पझोलाछाप डाक्टरों के यहां शरण ली तो कुछ जैसे तैसे जिला मुख्यालय रवाना हो गए। 

क्षेत्र की सीएचसी खमरिया सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रही है। यहां डाक्टरों की तैनाती होने के बावजूद भी रात्रि में उनके द्वारा मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है ।


आलम यह है कि रात में आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा मिलना तो दूर मरीजों को बेड भी नसीब नहीं हो पा रही है। 


इससे यह जरूर प्रतीत होता है कि सीएचसी में मौजूद डॉक्टर आमजन के प्रति कितना गंभीर है?


ईसानगर क्षेत्र की सीएचसी खमरिया  में तैनात डाक्टर क्षेत्र की जनता के प्रति कितना गंभीर है यह बुधवार को देर सायं से रात तक देखने को मिला जहां मरीजों को डाक्टरों के इलाज तो दूर बेड तक नसीब नहीं हुआ। 


जिसमें मारपीट, तेजबुख़ार,एक्सीडेंट व ब्ल्डप्रेशर से ग्रसित मरीज दर दर की ठोकरें खाने  को मजबूर हुए जिसमे पहला मामला-


मारपीट में घायल महिलाओं बच्चों को नहीं मिल सका सही इलाज


बुधवार को रात करीब सात बजे इब्राहिम पुरवा में हुई मारपीट में घायल होकर इलाज के लिए अस्पताल आये

पूजा 12,सावित्री 65,

शकुंतला 45 पत्नी बैजू

बैजू50 पुत्र छेडडू

कुसुमा 35 पत्नी छोटू,संगीता पत्नी ओम प्रकाश रैदास, सोनेसरी पत्नी रामखेलावन,आरती पत्नी सुरेन्द्र को घंटों तक इंतजार करने के बाद भी डाक्टरों के अभाव में सही से इलाज नहीं मिल सका जिसके चलते रात करीब 11 बजे परिजन इनको लेकर  चले गए। 


इस दौरान सभी घायल अस्पताल के बाहर बनी सीमेंट की बेंचो पर ही पड़े रहे।


बुखार से पीड़ित मासूम को डाक्टरों के अभाव में ले जाना पड़ा जिला मुख्यालय


रात करीब 10 बजे फूलपुर मजरा अदलिशपुर ब्लॉक धौरहरा निवासी सुमेश कुमार तेज बुखार में तप रही अपनी 2 वर्षीय नंदनीय को लेकर अस्पताल पहुचें जहां डाक्टरों के अभाव में उसका इलाज नहीं हो सका। 


अस्पताल में मौजूद एक मात्र  

फार्माशिस्ट संजीव जायसवाल ने बच्चे को पट्टी रखने को कहा। जिसको कुछ ही देर बाद हालत बिगड़ती देख परिजन अन्यत्र जगह लेकर चले गए।


एक्सीडेंट में घायल इलाज के अभाव में हो गया बेहोश,परिजन ले गए जिला मुख्यालय



ईसानगर क्षेत्र के गांव खनवापुर निवासी सुशील 35 पुत्र सुंदरलाल एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल होकर रात करीब 11 बजे अस्पताल पहुचें जहां मौजूद फार्माशिस्ट ने आनन फानन में पट्टी बांध कर घायल को घर ले जाने की हिदायत दे दी जो सही इलाज न होने के चलते घर जाते समय रास्ते मे ही बेहोश हो गया। 


जिसको परिजन पुनः अस्पताल लॉकर फार्माशिस्ट से रेफर पर्चा बनावकर जिला मुख्यालय लेकर चले गए। 


ब्ल्डप्रेशर से ग्रसित महिला को डाक्टरों के न होने के चलते जाना पड़ा प्राइवेट अस्पताल


रात करीब 12 बजे ईसानगर क्षेत्र के मटेरिया गांव निवासी अनिल राजपूत की पत्नी दुर्गेशा का लो ब्ल्डप्रेशर हो जाने से दिक्कत बढ़ गई।


 जिसको देख अनिल व अन्य परिजन उसे सीएचसी खमरिया लाए जहां उसे भी डाक्टरों के न होने के चलते सही इलाज नहीं मिल पाया। अस्पताल में मौजूद फार्माशिस्ट संजीव कुमार ने खानापूर्ति कर उसे रेफर कर दिया। 


जिसकी हालत गंभीर होती देख परिजन उसे जिला मुख्यालय पर ले जाकर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज जारी है।


क्या बोले ज़िम्मेदार


बुधवार को सायं से लेकर देर रात तक एमरजेंसी में डॉक्टरों के अभाव में बेहाल हुए मरीजों के बाबत जब सीएचसी अधीक्षक डॉ-हरेंद्र नाथ वरुण से रात में ही बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह पूर्व सीएमओ के विदाई समारोह में जिला मुख्यालय पर आए हुए है। 


वही अस्पताल में मौजूद फार्माशिस्ट संजीव जायसवाल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि दिन भर डियूटी करने के बाद सायं होते ही यहाँ से जिम्मेदार नदारद हो जाते है। जिसके चलते उसे अकेले मरीजों को  संभालने के चक्कर मे रात जागकर गुजारनी पड़ती है।

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