वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ के कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस मनाते हुए नगर के विभिन्न विद्यालयों में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता व संगोष्ठी का आयोजन किया गया तथा अतिथियों द्वारा चयनित विद्यार्थियों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
प्रताप बहादुर डिग्री कालेज के उप प्राचार्य व परिषद के जिला प्रमुख डॉ ब्रह्मानन्द सिंह ने नेशनल पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अभाविप हमे वैचारिक रूप से मजबूत बनाती है।
देश मे हमेशा वामपंथी व दक्षिण पंथी विचार धारा रही है।हमारी विचारधारा राष्ट्रवादी है।
शिक्षण परिसरों से वामपंथी विचारों को जड़ से खत्म करने के लिए अभाविप ने परिसरों को केंद्र बनाकर कार्य प्रारंभ किया।
समाज मे ऐसे विचार वाले लोग भी है जो अन्याय,अत्याचार,लूट मचाने वाले लोगो का समर्थन करते हैं।
समाज व राष्ट्र को क्षति पहुचाने वाले राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगो को पहचानना होगा।
हमे अपनी चैतन्यता को जाग्रत करना होगा। आजादी के बाद व संविधान निर्माण से पहले अभाविप का गठन हुआ।
आज देश स्वतन्त्रता की 75वी वर्षगांठ का अमृत महोत्सव मना रहा है वही लाखों विद्यार्थियों को राष्ट्र भक्ति से ओत प्रोत करते हुए अभाविप अपने स्थापना के 75वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है।
यह हम सभी के लिए गौरव का क्षण है। सभी विद्यार्थी युवाओं को आत्मगौरव के भाव के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए आगे बढ़ते रहना है।
प्रभात एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम में डीएलएड विभागाध्यक्ष अजित प्रताप सिंह ने कहा कि तैतीस लाख सदस्यता के साथ विद्यार्थी परिषद आज विश्व का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी छात्र संगठन है।
एबीवीपी ने हर मुद्दे पर जोरदार व असरदार तरीके से अपनी बात रखी और किसी मसले पर उन्होंने खामोसी नही ओढ़ी। जेपी मूवमेंट से लेकर आपातकाल के विरोध में छात्रों ने जोरदार तरीके से अपनी आवाज बुलंद की।
राष्ट्रवाद से लेकर कश्मीर मसले पर परिषद की अपनी स्पष्ट विचारधारा है जिससे ये कभी भी पीछे हटने को तैयार नही है।
आनन्द वन इंटर कालेज,श्री कृष्ण बालिका माध्यमिक विद्यालय व कमलाकांत एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम में विभाग संयोजक सुधांशु रंजन मिश्रा, जिला संयोजक रमेश सिंह पटेल ने व जिला सहसंयोजक यशस्वी सिंह ने संयुक्त रूप से कहा की आज ही के दिन छात्र संगठन एवीवीपी की स्थापना हुई थी।
आजादी के बाद एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण व अपनी संस्कृति को बचाये और बनाये रखने के लिए पूरे देश ने एक विकसित व मॉडर्न देश का सपना देखा।
इसमें विश्वविद्यालयों में पड़ने वाले युवाओं की समुचित भागीदारी के लिए 9 जुलाई 1949 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की गई।इस दौरान डॉ प्रभात शर्मा,सुशील पांडेय,अंकुर मौर्या,सुभम मिश्रा,प्रबल, श्याम,सुभान्स,शिवांग, अभिषेक वैश्य आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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