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उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा में पर्यावरण बचाओ अभियान को लगाया जा रहा पलीता


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वन विभाग की मिलीभगत से प्रतिबंधित जामुन, नीम,  गूलर, शीशम समेत अन्य पेड़ों का हो रहा सफाया

राजन पाठक

धौरहरा-लखीमपुरखीरी:उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा में पर्यावरण बचाने के लिए एक तरफ जहां कुछ दिन पहले ही करीब छह लाख पौधों को गांवों में वितरित कर रोपित करवाने का सिलसिला शुरू करवाया गया था, 


वहीं दूसरी ओर वनविभाग समेत स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से मोटी कमाई करने के चक्कर मे लकड़ी ठेकेदार हरे भरे नीम, जामुन, शीशम समेत अन्य प्रतिबंधित पेड़ों को कटवाकर पर्यावरण बचाओ अभियान को पलीता लगा रहे है। 


जिसको लेकर क्षेत्र में वन विभाग समेत अन्य जिम्मेदार पर्यावरण बचाओ अभियान को लेकर कितना गंभीर है, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।


उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा के ब्लॉक ईसानगर, रमियाबेहड़ व धौरहरा में कुछ दिन पहले ही पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत ब्लॉक स्तर से गांवों में लाखों पौधे उपलब्ध करवाकर रोपित करने का सिलसिला शुरू करवाया गया था ।


वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के लकड़ी सौदागर वन विभाग व स्थानीय पुलिस से सांठगांठ कर गांवों में प्रतिबंधित नीम,गूलर शीशम समेत अन्य प्रतिबन्धित पेड़ों को कटवाकर अभियान को पलीता लगा रहे है। जिसको जानने के बाद भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है।



सड़कों पर खुलेआम लकड़ी भरी ट्रालियां भर रही फर्राटे


धौरहरा क्षेत्र में सक्रिय लकड़ी सौदागर मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर मे जिम्मेदारों से सांठगांठ कर क्षेत्र में प्रतिबंधित जामुन,गूलर, नीम व शीशम के पेड़ों को काटकर खुलेआम ट्रालियों में भरकर सड़कों पर फर्राटा भरते हुए देखे जा रहे है। 


लकड़ी भरी यह ट्रालियां स्थानीय आरा मशीनों के साथ साथ क्षेत्र में लगी प्लाई मशीनों पर लकड़ी को बेंचकर मुनाफा कमा रहे है। 


इस बाबत क्षेत्रीय वन दरोगा किशन कुमार से बात की गई तो उन्होंने कटौली स्थित आरा मशीन पर रह रहे जाफ़र नाम के लकड़ी सौदागर के नाम परमिट बना होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ गए।

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