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करनैलगंज:घाघरा नदी के जलस्तर में गिरावट शुरू



रजनीश / ज्ञान प्रकाश 

करनैलगंज(गोंडा)। घाघरा नदी का जलस्तर डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घटने लगा है। 


वहीं नदी और बांध के बीच फसल लगी कृषि योग्य भूमि एवं खाली पड़ी भूमि घाघरा की इस कटान व तबाही का मंजर देखकर बांध के आसपास बसे ग्रामीणों का पलायन सुरक्षित स्थानों की ओर शुरू हो गया है। 


बीते 24 घंटे में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया। जो आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से नदी का जलस्तर घट रहा था। 


घाघरा नदी एक मान्यता है, जब इसका जलस्तर घटने लगता है तो नदी में उठने वाला मशीना तेजी से जमीन को काटना शुरू कर देता है। 


एल्गिन-चरसडी बांध के से अब नदी का पानी हिलोरे मार कर सटकर बह रहा है। जिससे भविष्य में खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद नदी का जलस्तर जब घटेगा तो स्थितियां बेकाबू भी हो सकती है। 


शनिवार को एल्गिन ब्रिज स्थित केन्द्रीय जल आयोग संस्थान के आंकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह आठ बजे नदी का जल स्तर 105.896 दर्ज किया गया था। जो खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर नीचे था। 


वहीं शाम को जलस्तर घटकर 105.736 पर पहुंच गया जो खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर नीचे था। नदी का जलस्तर घटने के साथ तटवर्ती क्षेत्रों में कटान का खतरा बढ़ गया है। 


अभी तक बढ़े जलस्तर से खेती वाली जमीनें ही प्रभावित हुई है। उफनाई नदी का पानी मांझारायपुर, नकहरा के मजरों में स्थित नालों, तालाबों में भी जाना शुरू हो गया है। 


शारदा, गिरजा, सरयू बैराजों से पानी के डिस्चार्ज में भी कमी दर्ज की गयी है। शाम को कुल डिस्चार्ज 1 लाख 89 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। 


बाढ़ खण्ड के सहायक अभियंता अमरेश सिंह कहते हैं कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। कही भी कोई दिक्कत नही है। लगातार निगरानी टीमें बांध पर नजर रख रही हैं।

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