रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। निर्धारित समय सीमा के एक माह बाद भी एल्गिन-चरसडी व भिखारीपुर-सकरौर बांध की हालत जस की तस बनी हुई है।
52 किलोमीटर लंबे बांध पर हर पचास कदम पर बंधे में दरार और बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। जबकि बांध की मरम्मत कागजों में कराई जा चुकी है। एल्गिन चरसडी व भिखारीपुर-सकरौराबांध के दो अतिसंवेदनशील स्थलों पर करीब 21 करोड़ रुपये से मरम्मत का कार्य भी कराया जा रहा है।
शासन द्वारा बीते 15 जून तक बांध की मरम्मत व रखरखाव पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। मगर जुलाई माह का आधा महीना बीतने को है अब तक बांध पर बने बड़े बड़े गड्ढों को कोई देखने तक नही पहुंचा है।
बाढ़ खंड एवं सिंचाई विभाग की लापरवाही आने वाले समय में क्षेत्र के लिए मुसीबत बन सकती है।
घाघरा (सरयू) का जलस्तर लगातार धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है और बाढ़ का रूप विकराल होता जा रहा है।
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात के चलते पहाड़ी नालों एवं विभिन्न बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से घाघरा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है।
वही बांध को बचाने की कवायद महज कागजों तक सीमित दिखाई दे रही है। पिछले वर्ष जहां बांध में कटान शुरू हुई मात्र उस उस स्थल पर मरम्मत का कार्य चलाया जा रहा है।
बाकी ग्राम काशीपुर, परसावल, बांसगांव, नकहरा, नैपूरा, रायपुर के सामने एल्गिन चरसडी बांध पर जबरदस्त गड्ढे बने हुए हैं। जिस पर साइकिल से भी चलना दूभर है।
बड़े-बड़े गड्ढों से बांध को खतरा है। बालू से बनाए गए बांध में जगह जगह पिछले वर्ष हुई बरसात में जो गड्ढे बन गए थे वह अभी तक बरकरार हैं।
गड्ढों को देखने से यह प्रतीत होता है कि बांध की मरम्मत तो दूर कोई भी अधिकारी देखने तक नहीं आया है।
बांध पर बसे बाढ़ पीड़ितों में सुखलाल, जय राम, बुधराम, माधव राज, विटाना, लक्ष्मी आदि का कहना है कि जब बाढ़ आती है तब अधिकारी देखने आते हैं।
बाकी बीते वर्ष से अब तक बांध को कोई देखने नहीं आया है और घाघरा (सरयू) का पानी अब तेजी से बढ़ने लगा है।
जिससे पानी अधिक बढ़ा तो बांध को खतरा उत्पन्न हो सकता है और सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।
खतरे के समीप है घाघरा का जलस्तर घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 56 सेंटीमीटर नीचे है। घाघरा का पानी लगातार बढ़ रहा है।
घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान 106.07 के सापेक्ष 105.516 पर बह रही थी।
लगातार विभिन्न बैराजों से पहाड़ी नालों का पानी सरयू (घाघरा) में छोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर हो रही बरसात का पानी बैराजों के माध्यम से नदी में छोड़ा जा रहा है।
अभी गोंडा व आसपास के जिलों में बरसात नही हुई है उसके बावजूद नदी का जलस्तर बढ़ रहा है यदि आसपास के जिलों में बारिश शुरू होगी तो स्थिति बिगड़ सकती है।
बाढ़ खण्ड के सहायक अभियंता अमरेश कुमार सिंह बताते हैं कि बांध पर बने गड्ढों को सही कराया जा चुका है। बांध पूरी तरह सुरक्षित है।।
बाढ़ खण्ड के अवर अभियंता रवि वर्मा कहते हैं कि इस वर्ष हुई बरसात से बांध पर जो रैंनकट्स हुए हैं उन्हें जल्द ही सही कराया जाएगा।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ