सतेंद्र खरे
कौशांबी ज़िले के म्योहर गौशाला में बृहस्पतिवार को भूख से तड़फड़ाकर पांच गोवंशों की मौत हो गई।
महज दो दिन में भूख से पांच गायों की मौत ने जिम्मेदारों द्वारा गोवंशों के चारा में धांधली की पोल खोल दिया।
इसके अलावा चार गोवंश मरणासन्न स्थिति में पड़ी हुई है। जानकारी के बाद पशु चिकित्सक इलाज करने पहुचे, लेकिन वो भी खानापूर्ति कर वापस चले गए। गौशाला में कीचड़ और गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
मंझनपुर तहसील के म्योहर गांव में गोवंश आश्रय स्थल बना हुआ है। जिम्मेदारों की धांधली का आलम यह है कि गौशाला में गोवंशों के चारा में भी घोटाला कर बंदरबाट किया गया है।
गौशाला में न तो हरा चारा है न भूसे में मिलाने के लिए आटा, या चोकर है। सूखे भूसे के सहारे ये गाय कब तक जिंदा रहेंगी, ये बात सोचने लायक है।
गौशाला में कुल एक सौ चालीस गोवंश है। इनकी देखरेख करने के लिए सिर्फ एक केयर टेकर की नियुक्ति है। गौशाला में गोवंशों के लिए कोई उचित व्यवस्था नही है।
ग्राम प्रधान और सचिव चारा की व्यवस्था नही कर रहे है। बारिश की वजह से स्थिति और भी बदतर हो गयी है। पूरा गौशाला कीचड़ से बजबजा रहा है।
ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव की अनदेखी के कारण यहां गायों की स्थिति दयनीय बनी हुई है।
गायो की मौत और बीमारी की जानकारी पर पहुचे पशु चिकित्सक ने सिर्फ खानापूर्ति कर चले गए। ग्रामीण गोवंशों की मौत पर गहरी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
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