वेदव्यास त्रिपाठी
खबर प्रतापगढ़ के पट्टी से है जहां मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के आदेश के महीनों बीत गए। मगर आज तक पट्टी नगर पंचायत द्वारा कस्बे में अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
पूरे कस्बे में अतिक्रमण पूरी तरह हावी है। नालियों के ऊपर पूर्ण रूप से अतिक्रमण कर नालियों को पाट दिया गया है।
आने जाने वाले राहगीरों को तो परेशानी हो ही रही है बारिश के मौसम में भी जल निकासी की बड़ी समस्या बनी है। बात करें तहसील, रोडवेज बस स्टॉप, कोतवाली व डाक बंगला की तो यहां तो हद ही हो गई है एकदम काली सड़क के ऊपर भी चढ़कर के इस तरह अतिक्रमण किया गया है कि वाद कारीयों को साइकिल और मोटरसाइकिल भी करना दुर्लभ हो गया है।
और तो और जो पीडब्ल्यूडी द्वारा किलोमीटर का पत्थर लगाया गया है उसके ऊपर भी सजी है मिठाई की दुकान।
इस संबंध में जब भी अधिशासी अधिकारी से बात की जाती है तो गोलमोल बात कर कार्यवाही कराने की तैयारी कर रहा हूं। कह कर बात को टाल देते हैं। तहसील मुख्यालय होने के नाते हजारों की संख्या में लोग आते हैं। और अतिक्रमण का पूर्ण रूप से शिकार हो रहे हैं।
बताते चलें 1 माह पूर्व सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी द्वारा यह सख्त निर्देश दिए गए थे कि कोई भी डग्गामार वाहन नहीं चलेगा सारे डग्गामार वाहन बंद किए जाएं और जो लीगल सवारी गाड़ियां चलती हैं उनको खड़ा करने की एक निश्चित स्थान तय किया जाए।
वहीं से ही वह सवारियां भरें लेकिन सवारियां भरने का स्थान निश्चित नहीं किया गया। आज भी पट्टी चौक पर जाम का कारण बनती है डग्गामार वाहन।
खानापूर्ति के नाम पर पट्टी कोतवाली के दो सिपाही वहां अक्सर ड्यूटी पर देखे जाते हैं। लेकिन डग्गामार वाहन फर्राटे भरते हुए और सवारियां भर्ती हुई नजर आती हैं।
तहसीलदार के बंगला के सामने कोतवाली के सामने तहसील के सामने डाक बंगला के सामने रोडवेज के सामने इस तरह अतिक्रमण हावी है कि आए दिन समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं।
पता नहीं क्यों उच्च अधिकारियों का ध्यान उप जिलाधिकारी हो या अधिशासी अधिकारी हो या और भी जिले के आला अधिकारी आते जाते रहते हैं उनकी नजरें इस पर नहीं पड़ती हैं।
आखिर इन समस्याओं पर उनकी नजरें क्यों नहीं पड़ती हैं।
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