महेशगंज एसओ के साथ हाथापाई को लेकर आरोपियों पर शिकंजा कसने में मशक्कत मे जुटी खाकी
गौरव तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। महेशगंज एसओ द्वारा लालगंज कोतवाली में बुधवार की रात हाथापाई तथा सरकारी कामकाज मे बाधा समेत कई गंभीर धाराओं मे केस दर्ज कराए जाने को लेकर शुक्रवार को यहां माहौल गर्म दिखा।
घटना में एक अधिवक्ता समेत अधिवक्ता पुत्र तथा भाई का नाम भी दर्ज होने से वकीलों मे आक्रोश पनप उठा।
नाराज वकीलों ने साथी अधिवक्ता व परिवार के सदस्यो की नामजदगी गलत ठहराते हुए पुलिस कार्रवाई के विरोध में न्यायिक कामकाज का बहिष्कार किया।
इसके बाद वकीलों का जत्था संयुक्त अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी महेश व महामंत्री शेषनाथ तिवारी की अगुवाई में सीओ से मिला।
डीएम व एसपी को संबोधित संयुक्त ज्ञापन मे अधिवक्ताओं ने कहा कि महेशगंज पुलिस ने घटना में दर्ज करायी गई एफआईआर में अधिवक्ता शशिकांत मिश्र की नामजदगी गलत की है।
वहीं वकीलों ने सीओ से नाराजगी जताई कि एफआईआर मे बार एसोशिएसन के पूर्व अध्यक्ष धनंजय मिश्र की हत्याकांड का तो पुलिस आज तक खुलासा नही कर सकी।
एफआईआर मे अफवाहन दिवंगत धनंजय मिश्र के बेटे आदर्श मिश्र व शिक्षक भाई विनीत का नाम भी गलत अंकित करा दिया है।
वकीलों ने घटना की जांच कर अधिवक्ता एवं परिवार के सदस्यों के नामजदगी निरस्त कराए जाने पर जोर दिया।
सीओ रामसूरत सोनकर ने अधिवक्ताओ को घटना की निष्पक्ष जांच कराकर निर्दोषों पर कार्रवाई न किये जाने का भरोसा दिलाया।
अधिवक्ताओं ने प्रशासन को आगाह भी किया कि यदि अनावश्यक उत्पीड़न हुआ तो आंदोलन को बाध्य होंगे।
ज्ञापनदाताओं में उपाध्यक्ष शहजाद अंसारी, उपाध्यक्ष बीके तिवारी, पूर्व अध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्र, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, संतोष पाण्डेय, विपिन शुक्ल, प्रदीप सिंह, धीरेन्द्र शुक्ल, दिनेश सिंह, विकास मिश्र, संदीप सिंह, अजय शुक्ल, धीरेन्द्र मिश्र, आदि रहे।
इधर महेशगंज एसओ द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर को लेकर स्थानीय कोतवाली पुलिस भी आरोपियों की तलाश में सक्रिय देखी गयी।
गुरूवार की रात पुलिस ने जलेशरगंज-हरनाहर तथा जनई आदि गांवो मे दबिश देकर आरोपियो को गिरफ्त मे लेने मे मशक्कत भी जारी रखी।
हालांकि पुलिस के हत्थे आरोपी शुक्रवार को भी नहीं चढ़ सके। वहीं जलेशरगंज इलाके मे इस घटना को लेकर व्यापारियों तथा लोगों मे भी कई तरह की चर्चा है।
लोगों का कहना है कि महेशगंज पुलिस को लालगंज कोतवाली क्षेत्र में दबिश देने के पहले स्थानीय पुलिस को सूचना देनी चाहिये थी।
वहीं चर्चा यह भी है कि पहले महेशगंज पुलिसकर्मी सादे लिबास मे पहुंचे और एकाएक एक व्यक्ति को जीप मे लादने लगे तो लोगों मे किसी अनहोनी का भी भ्रम फैल गया।
वहीं चर्चा यह भी है कि पुलिस की गिरफ्त मे आये दो एक आरोपियो ने पुलिसिया दबाव मे घटना मे कुछ लोगों का नाम अपनी बचत के लिए पुलिस को बताया है।
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