गोण्डा: सोमवार सुबह घर से निकला युवक का शव मंगलवार को गांव के दक्षिण बाग में आम के पेड़ पर रस्सी से लटकता मिला। फाइल फोटो मृतक
पुलिस कार्यवाही और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से असंतुष्ट परिजनों ने आर्य नगर कर्नलगंज मार्ग पर शव को सड़क पर रखकर कई घंटों तक प्रदर्शन कर दोबारा पोस्टमार्टम व अन्य थाने से विवेचना कराए जाने की मांग करते रहे।
अपर पुलिस अधीक्षक के समझाने के बाद परिजन मान गए और रात में ही शव को दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
जिले के कौड़िया थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रामापुर के मजरा बनकटी के निवासी शेषधर तिवारी का 19 वर्षीय पुत्र सुशील कुमार तिवारी तिवारी का मंगलवार को शव एक आम के पेड़ से लटकता हुआ पाया गया।
मृतक सुशील कुमार तिवारी के चाचा संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि बताया कि हरखापुर की एक लड़की के फोन पर घर से निकला था और दोपहर तक उसका फोन चालू था बाद में बंद हो गया।
परिजन भी आशनाई के चक्कर में युवक की हत्या किए जाने की आशंका व्यक्त कर रहे थे। कौड़िया पुलिस भी दबी जुबान से प्रेम प्रसंग की बात स्वीकार कर रही है।
परिजन व ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर देर रात्रि तक चला प्रदर्शन कई घंटे जाम रहा मार्ग
युवक का शव पोस्टमार्टम होने के बाद वापस लाने पर पुलिसिया कार्रवाई व पोस्टमार्टम रिपोर्ट से असंतुष्ट परिजनों ने आर्य नगर कर्नलगंज मार्ग पर उमरिया गांव के पास शव को सड़क पर रखकर पूरा मार्ग जाम कर दिया।
मौके पर क्षेत्राधिकारी सहित कई थानों की पुलिस परिजन व ग्रामीणों को समझाने में लगी रही। कुछ समय बाद पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज के लिखित आश्वासन के बाद परिजन मान गए।
जिसमें डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने थानाध्यक्ष को यहां से स्थानांतरण करने तथा थाने पर दर्ज हत्या के मामले की विवेचना किसी अन्य थाने से कराए जाने की मांग स्वीकार किया।
उसके बाद शव पुनः दोबारा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पीएम होने के बाद फिर पुनः शव परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक के बाबा ने बताया धरना प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था। आज डॉक्टरों की टीम ने दोबारा पोस्टमार्टम किया है।
पोस्टमार्टम में हुआ खेल अंत समय में बदले गए डॉक्टर
मंगलवार को हुए पोस्टमार्टम में पहले डॉक्टर अखिलेश त्रिपाठी का नाम था लेकिन बाद में पोस्टमार्टम हाउस पर डॉक्टर के नाम की जो सूची गई। उसमें डॉक्टर संजय शर्मा का नाम हो गया उन्हीं के द्वारा पोस्टमार्टम किया गया।
रिकॉर्डिंग में छुपे तमाम राज
एक रिकॉर्डिंग भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें मृतक के घर न पहुंचने पर परिजन किसी महिला को फोन करते हैं।
उसने कहा जाता है कि आप द्वारा शाम 4 बजे फोन करके मृतक सुशील के भाई को बताया गया कि उनसे कह दो कि मेरी बहन को घर पर छोड़ जाएं। इस रिकॉर्डिंग में महिला यह स्वीकार कर रही है कि उन्हें पकड़ कर लाए थे।
लेकिन कौड़िया चौराहे पर छोड़ दिया सिर्फ बाइक व मोबाइल मेरे यहां है। जब मृतक के पक्ष द्वारा यह कहा जा रहा है कि यदि आप ने उन्हें पकड़ा था। तो थाने के हवाले कर देते।
जिसके जवाब में महिला ने बताया यदि मामला थाने पर जाता तो मेरी बदनामी ना होती। महिला यह भी कह रही है कि जब उसकी बहन मिल गई तो सुशील को छोड़ दिया गया।
जब यह कहा गया कि तुम्हारी बहन ने फोन करके बुलाया था। तब वह गया था। महिला ने कहा चाहे जो जिसको बुला ले ऐसे चले जाओगे उनकी गलती नहीं है। इसके बाद फोन कट जाता है।
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