वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने भू-गर्भ जल प्रबन्धन समिति के अधिकारियों/सदस्यों के साथ कल सायंकाल कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश भू-गर्भ जल प्रबन्धन और विनियमन अधिनियम का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में भू-जल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण, प्रबन्धन एवं नियमन किया जाना है।
इसके अन्तर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर, क्षेत्र पंचायत स्तर तथा नगर पंचायत स्तर पर जल प्रबन्धन समितियों का गठन किया जाना है।
उन्होने बैठक में उपस्थित सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि भू-जल प्रबन्धन समिति का तत्काल गठन कर प्रतिमाह इसकी बैठक की जाये जिसके माध्यम से भू-गर्भ जल के दोहन एवं जल संरक्षण के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक भी किया जाये।
हाइड्रोलाजिस्ट/नोडल अधिकारी रविशंकर पटेल द्वारा अवगत कराया गया कि अधिनियम के अनुसार घरेलू भूजल उपभोक्ताओं एवं कृषि भूजल उपभोक्ताओं को भू-जल प्रबन्धन समिति में निःशुल्क पंजीकरण कराया जाना है किन्तु व्यवसायिक, औद्योगिक, इन्स्फ्राट्रक्चर एवं बल्क भूजल उपभोक्ताओं को भूजल निकास हेतु जनपद स्तरीय समिति से अनापत्ति प्राप्त करना है तथा पंजीकरण कराया जाना है।
अधिनियम में निर्देशों का उल्लंघन किये जाने पर अर्थदण्ड तथा कारावास का भी प्राविधान किया गया है।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि भू-जल दोहन के साथ-साथ जल संरक्षण हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाना आवश्यक है।
इस समय किसी भी बिल्डिंग के निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य की गयी है। उन्होने बल्क भू-दोहन करने वाले आर0ओ0 प्लान्ट को अधिनियम के अनुसार पंजीकरण कराने और आर0डब्लू0एच0 प्लान्ट लगाने हेतु नोडल अधिकारी रविशंकर को जागरूक करने का निर्देश दिया।
उन्होने कहा कि ऐसे बल्क भूजल का उपयोग करने वाले व्यवसायिक संस्थानों की सर्वे कर सूची बनायी जाये और उन्हें अधिनियम के अनुसार कार्यवाही करने के प्रेरित किया जाये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी वन एवं वन्य जीव प्रभाग वरूण सिंह, जिला विकास अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।
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