गौरव तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने महाराष्ट्र के ताजा राजनैतिक घटनाचक्र को बीजेपी का केन्द्रीय एजेन्सियों के दुरूपयोग के सहारे गैर भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के सिलसिले का एक और अलोकतांत्रिक हथकण्डा करार दिया है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने तीखे हमले में कहा कि बीजेपी के डीएनए में ही तानाशाही है वह किसी कीमत पर जनता के द्वारा भी चुनीं गयी गैर भाजपा सरकारों को बर्दास्त नहीं कर पा रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि पहले से घात लगाए बैठी भाजपा ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को अस्थिर करने के लिए शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ ईडी का भी इस्तेमाल करने मंे झिझक नही दिखाई।
वहीं राजस्थान के उदयपुर में घटित घटना के पीछे अर्न्तराष्ट्रीय तार जुड़े होने या फिर आतंकी घटना को लेकर सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस प्रकार के तथ्य मिल रहे हैं तो साफ है कि राजस्थान की गहलोत सरकार से ज्यादा जिम्मेदार केन्द्र की मौजूदा मोदी सरकार है।
उन्हांेने कहा कि सीमावर्ती राजस्थान में आतंकी घटना को रोकने की जिम्मेदारी सीमा की रखवाली के लिए जबाबदेह केन्द्र सरकार ही है।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार से सवाल उठाया कि नोटबंदी के फैसले के पीछे वह यही तो तर्क दे रही थी कि इससे सीमा पार आतंकवाद को फण्डिंग रूक जाएगी।
सवालिया अंदाज में प्रमोद तिवारी ने कहा कि अब प्रधानमंत्री देश को बताएं कि उदयपुर जैसी घटना के लिए आतंकियों को पाकिस्तान से फण्डिंग अथवा लिंक कहां से हासिल हो सकी।
श्री तिवारी ने कहा कि उदयपुर घटना पूरी तरह से वीभत्स और शर्मनाक तथा बहसियाना है। इसके बावजूद कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने महज छः घण्टे के भीतर इस घटना के दोषियों को गहलोत सरकार द्वारा सलाखों के पीछे किये जाने की कार्रवाई को पूरी तरह कारगर भी ठहराया है।
उन्होंने केंद्र से मांग की है कि यदि इस घटना के पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी लिंक मिल रहे हैं तो इसकी भी जांच कराकर घटना के पीछे के दोषियों को भी चिन्हित कर कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जानी चाहिये।
मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से गुरूवार को यहां जारी बयान मंे प्रमोद तिवारी ने यूपी में भाजपा के सौ दिन पूरे होने पर भी तंज कसते हुए कहा कि सौ दिन की उपलब्धि यही है कि भाजपा भी जीत की खुमारी से बाहर नही आ सकी।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि संवैधानिक मंशा के वितरीत महज सात दिनों मे यूपी सरकार ने बजट पारित कराकर सत्र के दौरान आलोचना तथा जबाबदेही से बचने का भी अलोकतांत्रिक तरीका अपनाया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी बेरोजगारी तथा मंहगाई और युवाओं की समस्याओं से मुंह फेरने के लिए नफरत की राजनीति को ही बढ़ावा देने के विकल्प कर आगे बढ़ रही है।
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