अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के अंग्रेजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस के अवसर पर बुधवार को अग्निशमन कर्मियों द्वारा छात्र छात्राओं को आग लगने के कारण तथा आग बुझाने के तरीकों पर विस्तार से माॅक ड्रिल के माध्यम से बताया गया ।
जानकारी के अनुसार 4 मई को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘‘अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस‘‘ मनाया गया।
विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने अग्निशमन विभाग से आंमत्रित किये गये मुख्य अतिथियों चन्द्रभूषण शुक्ला (प्रधान अग्निशमक) एवं अखिलेश प्रताप सिंह (अग्निशमक) का पुष्पों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।
प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी ने विद्यालय के छात्र-छात्राओं को बताया कि इंटरनेशनल फायर फाइटर यानि अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस हर साल 4 मई को विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
इस दिन को वर्ष अग्निशामकों के बलिदानों को चिन्हित और उन्हे सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जो समुदाय और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के यथासंभव प्रयास करते है।
अग्निशमन आग पर नियंत्रण पाकर उसे बुझाने के कार्य को कहते है।
अधिकतर समाजों में, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, अनियंत्रित आग जीवन और माल के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है, और अग्निशमक इस खतरे से बचाव करते है।
विभिन्न परिस्थितियों में आग पर काबू पाकर उसे बंद करने के लिए बहुत सारी तकनीकें सीखनी पड़ती हैं और उन कठिन परिस्थितियों में जाकर उन्हें झेलने के लिए शारीरिक-क्षमता भी जरूरी है।
अग्निशमन के लिए विशेष सामान और यंत्रों का प्रयोग भी होता है। इनमें पानी, आग-निरोधक रसायन, भिन्न्न प्रकार के अग्नि-कवच, अग्निशमकों की आग निरोधक पोशाकें, जल गिराने वाले विमान, अग्निशमकों के विशेष वाहन, वगैरह शामिल है। अलग-अलग तरह की आगो के लिए अग्निशमक भिन्न चीजें प्रयोग करते है, मसलन बिजली से लगी आग के लिए पानी का प्रयोग नहीं किया जाता है।
‘‘अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस‘‘ के अवसर पर विद्यालय में अग्निशमन विभाग से आंमत्रित किये गये अतिथियों नें छात्र-छात्राओं को विद्यालय के मैदान में बुलवाकर बताया कि आग क्यों, कब एवं कैसे लगती है?
इस संदर्भ में अखिलेश प्रताप सिंह ने विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि आग को लगने के लिए तीन चीजों का होना आवश्यक होता है। आग जलनेे के ईंधन, ताप एवं आक्सीजन का होना जरूरी रहता है।
यदि इनमें से किसी एक को कम कर दिया जाय तो आग लगेगी ही नहीं। तत्पश्चात् उन्होनें कुछ छात्र-छात्राओं को बुलाकर अग्निशमन यंत्र के द्वारा आग को कैसे बुझाया जाय इसका प्रशिक्षण दिया।
इसी क्रम आये आये हुए अतिथितियों को ऑडिटोरिएम हॉल में ले जाया गया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं में अंशिका श्रीवास्तव, माशू श्रीवास्तव, अनुकृति श्रीवास्तव एवं फरहत फातिमा में अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन के बारे में अपना-अपना विचार प्रस्तुत किया।
अंत मे चन्द्रभूषण शुक्ला (प्रधान अग्निशमक) नें विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी एवं विद्यालय के छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि पूरे जनपद में यह एक अद्धितीय विद्यालय है जो एक सामाजिक, राजनैतिक, शैक्षिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का समय-समय पर आयोजन करके छात्र-छात्राओं को एक अलग से ज्ञान प्राप्त कराता है ।
उन्होंनेे विगत वर्षो के एक अग्नि दुर्घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि इसी विद्यालय का एक छात्र हजारो लोगों की जान मेजर चौराहे पर आग से बचाया था। इस वृतान्त को सुनने के बाद विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं आवाक रह गये और उन्होनें भी दृढ़ निश्चय किया कि मै भी इसी भावना से आने वाले भविष्य में यदि कोई घटना घटित होती है तो बहादुरी का कार्य करने से पीछे नही हटूँगा।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक ने अग्निशमन विभाग से आंमत्रित किये गये मुख्य अतिथियों चन्द्रभूषण शुक्ला (प्रधान अग्निशमक) एवं अखिलेश प्रताप सिंह (अग्निशमक) को मेमोन्टो देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, संतोष श्रीवास्तव, एक्टीविटी ंइंचार्ज राघवेन्द्र त्रिपाठी एवं समस्त अध्यापको ने उपस्थित होकर ‘‘अंतर्राष्ट्रीय अग्निशमन दिवस‘‘ के बारे में जानकारी प्राप्त की।
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