ऑडियो वायरल के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म
लकड़ी ठेकेदारों ने डीएम समेत वन मंत्री से की थी शिकायत
हरीश अवस्थी
ईसानगर-खीरी:परमिट परमीशन के नाम पर लकड़ी ठेकेदारों से लाखों वसूलने वाले धौरहरा रेंजर के कारनामों की फेरिहिस्त थमने का नाम नही ले रही है।
तमाम आरोपों से घिरे रेंजर के कई ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है।जिसमें लकड़ी के एक ठेकेदार को पूरे इलाके में अंधाधुंध प्रतिबंधित पेडों की कटान का मौखिक परमीशन देते सुने जा रहे है।
ऑडियो वाइरल होने के बाद पूरे धौरहरा क्षेत्र के लोगों में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।जबकि रेंजर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर रहे है।
विगत करीब छह माह पूर्व उत्तर खीरी वन प्रभाग की धौरहरा रेंज में तबादला होकर आए रेंजर गजेंद्र सिंह अपनी कार्यशैली से सुर्खियों में आ गए है।
आरोप है कि क्षेत्र के कई लकड़ी ठेकेदारों से परमिट परमीशन कराने के नाम पर करीब पांच लाख की रकम वसूलने के बाद भी उन्हें ना तो परमिट परमीशन दिया और ना ही उनके द्वारा दी गई लाखों की रकम को वापस किया।
आरोप है कि कई बार दी गई रकम मांगने पर रेंजर ने सभी लोगों को फर्जी मुकदमा लिखकर जेल भेजने की धमकी भी दे डाली।
परेशान पीड़ितों ने डीएम समेत वन मंत्री को शिकायत करके इंसाफ की गुहार लगाई थी।लेकिन इसी बीच एक लकड़ी ठेकेदार व रेंजर धौरहरा से हुई बात चीत के कई ऑडियो सोशल मीडिया पर जब वाइरल हुए तो रेंजर की कलाई खुल गई।
वाइरल आडियो में एक ठेकेदार से कहा गया है कि पूरे इलाके में जितने भी आम की बगीचे व प्रतिबंधित पेड़ है मेरा हिस्सा मुझको देकर सभी का कटान करवा लो।
अब सवाल यह है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो पर्यावरण को कैसे संतुलित किया जा सकता है।
फिलहाल धौरहरा के रेंजर की करतूत हरियाली से आच्छेदित प्रतिबंधित पेडों पर पूरे क्षेत्र में काली छाया बनकर मंडरा रही है।
बोले गजेंद्र सिंह,रेंजर धौरहरा
लगाए गए सभी आरोप निराधार है।लकड़ी ठेकेदारों द्वारा जो भी कहा जा रहा है निराधार है।कुछ लकड़ी ठेकेदारों पर मुकदमा भी लिखा है।जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
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