रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। एक गांव में ग्रामीणों व युवतियों ने बिना फिजूल खर्ची के शादी विवाह का आयोजन कराने का फैसला लिया है।
बेटियां बाप पर बोझ न बने इसलिए शादियों में होने वाले फिजूल खर्चो पर ग्रामीणों की सहमति पर पाबंदी लगाई गई है।
विकास खंड हलधरमऊ के मदरसा दारूल उलूम मोहम्मदिया निंदूरा के कमेटी की तरफ से फिजूल खर्चो व नाजायज़ दस्तूर को खत्म करने के लिए ग्रामीणों द्वारा एक मत होकर फैसला लिया गया कि शादी व्याह में डीजे ढोल तमाशा सहित अन्य फिजूल खर्ची पर पाबंदी रहेगा।
सरियतन निकाह मस्जिद में होगा और पुराने रीति रिवाजों को दरकिनार किया जाएगा जिससे बेटियां बाप पर बोझ न लगे और माँ बाप आसानी से अपनी बेटियों का निकाह कर सकें।
हाफिज बदरुद्दीन खान और कारी इकबाल साहब ने बताया कि सर्वसम्मति से एक बैठक आहुति हुई। जिसमे मन्दरजा जेल रस्मो पर पाबंदी का फैसला बिल इत्तिफाक से किया गया जिसमें सभी की सहमति मिली।
सभी ग्रामीणों ने इस फैसले का स्वागत किया। इस मौके पर ग्राम सेवक हरमैन खान, मंशाद खान, अमील खान, सूरज खान, जमीउद्दीन खान, कमर खान, हसरत अली, आसिफ खान, सालिम खान, अतहर खान, मुस्तर सेठ, हाफिज एखलाक सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ