पँश्याम त्रिपाठी
नवाबगंज (गोंडा) अयोध्या की पारंपरिक ८४ कोसी परिक्रमा धर्मार्थ सेवा संस्थान के बैनर तले महंत गया दास के अगुवाई में शुक्रवार की रात्रि में यमदग्नि आश्रम जमथा में विश्राम के बाद शनिवार की सुबह तुलसीपुर माझा में पहुंचा जहां पर बांके बहादुर सिंह तथा रामानुज सिंह के द्वारा स्वागत व जलपान के बाद कस्बे के पहलवान बीर मंदिर पहुंचा।
जहां पर स्थानीय लोगों के द्वारा श्रधालुओं का स्वागत किया गया।तथा मंदिर के द्वारा सभी के लिए भोजन व विश्राम की व्यवस्था की गई।
पारंपरिक परिक्रमा की अगुवाई कर रहे महंत गयादास नें बताया कि मंदिर में विश्राम के बाद रविवार की सुबह रेहली गांव के लिए रवाना होगा जहां दोपहर के जलपान के बाद मखौड़ा धाम के लिए कूच करेंगे।
रात्रि विश्राम मखौड़ा में होगा । सोमवार की सुबह मखौड़ा से चल कर सभी श्रद्धालु कटरा कुटी धाम मंदिर पर दोपहर का भोजन व विश्राम के बाद शाम चार बजे अयोध्या के लिए रवाना होंगे जहां पर सरयू घाट पर स्थित राधाकुंड मंदिर में भोजन व विश्राम होगा।
मंगलवार की सुबह रामजन्म भूमि की परिक्रमा के बाद सीताकुंड में रामार्चा महायज्ञ में सम्मिलित होंगे।
बुधवार के अयोध्या के सीताकुंड मंदिर के विशाल भंडारे के साथ सभी परिक्रमार्थियों की विदाई होगी।
महंत गयादास नें बताया कि परिक्रमा दो होने की वजह पारंपरिक परिक्रमा के श्रद्धालुओं के लिए स्थानीय लोगों में रुचि कम हो गई है।
श्रधालुओं के पड़ाव स्थलों पर साफ सफाई की उचित व्यवस्था नहीं की गई है। पारंपरिक परिक्रमार्थी सिर्फ धार्मिक और पौराणिक स्थलों पर ही विश्राम करते हैं।
उन्होंने कहा परिक्रमा में देश के सभी प्रांतों के लोग शामिल हैं। जिसमें काफी बुजुर्ग लोग भी हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पीएसी की गाड़ी साथ में है।
लेकिन परिक्रमार्थियों के साथ मेडिकल टीम और एंबुलेंस भी साथ होनी चाहिए।
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