जश्न-ए-रामपुरखास है देश की एकता तथा सांस्कृतिक विरासत को मजबूती का पैगाम:प्रमोद तिवारी
विधायक मोना की जीत की हैट्रिक को समर्पित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन व मुशायरे में तिरंगे की शानौशौकत को लगा चार चांद
गौरव तिवारी
लालगंज प्रतापगढ़। पौराणिक स्थली बाबा घुइसरनाथ धाम में सई तट पर रविवार की शाम हुए जश्न ए रामपुर खास मंे कविता, गजल, शेर व शायरी के जरिए कौमी एकता की धारा प्रवहमान हुई।
रामपुर खास की विधायक आराधना मिश्रा मोना की हैट्रिक जीत की खुशी को समर्पित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में साहित्य जगत की नामचीन हस्तियों ने सुरों को धार दी तो हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के माहौल में हजारों लोग इतरा उठे।
कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी तथा कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
उद्घाटन अतिथि प्रमोद तिवारी ने कहा कि जश्न ए रामपुर खास के जरिए देश की एकता और सांस्कृतिक विरासत को यहां से मजबूत पैगाम मिलेगा।
वहीं उन्होंने जश्न ए रामपुर खास को विकास तथा अमन के लिए संकल्पबद्ध होने का मजबूत जनादेश भी कहा।
मुख्य अतिथि विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि साहित्य का सुदृढ़ वातावरण देश की आजादी से लेकर अब तक की गौरवगाथा के लिए अद्भुत अनुभूति कराया करता है।
उन्होंने कहा कि रामपुर खास की विकास के साथ राष्ट्रीय एकता एवं सांस्कृतिक अक्षुणता व सामाजिक चेतना के मजबूत केन्द्र की भी पहचान रखता है।
कार्यक्रम में जानी मानी शायरा शबीना अदीब, डॉ. श्लेष गौतम, नवल सुधांशु, फारूख आदिल, अभिराज पंकज, राम इटावा, प्रमोद पंकज, प्रीती पाण्डेय व रवीन्द्र अजनबी तथा डॉ. अनुज नागेन्द्र को प्रमोद तिवारी तथा आराधना मिश्रा मोना ने स्मृति चिन्ह एवं शॉल प्रदान कर सम्मानित किया।
वहीं आयोजन समिति के डॉ. अनुज नागेन्द्र, प्रमुख अशोक सिंह, प्रमुख अमित सिंह, चेयरपर्सन अनीता द्विवेदी, विकास मिश्र, शैलेन्द्र मिश्र, आशीष उपाध्याय ने जश्न ए रामपुर खास के प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्रम् से सारस्वत सम्मान किया।
स्वागत भाषण डॉ. अनुज नागेन्द्र व संचालन संयोजक अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने किया। इसके बाद मंच कवियों व शायरों के हवाले नजर आया।
कौमी एकता की आवाज बनकर देश दुनिया में गूंज रही मशहूर शायरा शबीना अदीब ने जब पढ़ा-जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना। तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई-नई है।
शबीना अदीब ने मदर्स डे को समर्पित मादरे वतन की शान में तिरंगे की आवाज को बुलन्द किया तो अतिविशिष्ट दीर्घा में मौजूद प्रमोद तिवारी तथा विधायक मोना के साथ दर्शकों के बीच राष्ट्रीयता का जोश उफान पर आ पहुंचा।
फारूख आदिल की सितम सहकर दुआ देना न मुश्किल है न आशा है को भी लोगों ने धीर गंभीर होकर सुना। हॉस्य कवि प्रमोद पंकज का अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बोल मंहगाई पर तगड़ा प्रहार करते हुए दर्शकों की पसन्द की मुहर लगा गया।
डॉ. श्लेष गौतम की पंक्तियां-वतन के वास्ते जब भी हमारा सर कलम होगा, लहू की आखिरी वो बूंद हिन्दुस्तान बोलेगी पर भी भारत माता का जयघोष गुंजायमान हो उठा नजर आया। अभिराज पंकज की लाइन-जीत को मेरी बदल दे जग भले ही हार में, सर झुकाऊँगा न हरगिज झूठ के दरबार में भी जमकर वाह-वाही बटोरती दिखी।
कवयित्री प्रीती पाण्डेय की रचना-नैनों मे छवि तुम्हारी ही ऐसी बसी, प्रेम का बरसे सावन तुम्हारें लिये बाबा धाम में आध्यात्म की महक को सुगन्धित कर उठी। नवल सुधांशु ने भी युवाओं का जोश दोगुना करने मे सफल रहे।
नवल ने जब पढ़ा-पहले कभी न शरारत करेगी, पलट कर न फिर वो शिकायत करेगी ये लड़की उसी से मोहब्बत करेगी, तिरंगे से जो भी मोहब्बत करेगा। आयोजक कवि डॉ. अनुज नागेन्द्र ने बेटी जागरूकता पर माहौल को जमकर झकझोरा।
अनुज ने पढ़ा-मुल्क में जिन्दा जलायी जा रहीं बेटियां हम गजल मे किस तरह श्रृंगार की बात करें। संचालक कवि रवीन्द्र अजनबी की भी रचना मैं शहर में अब तलक तैयारियां करता रहा भी तालियों की गूंज का खुशनुमा हिस्सा बनीं।
कवि सम्मेलन एवं मुशायरे की अध्यक्षता डॉ. श्लेष गौतम व संचालन युवा कवि रवीन्द्र अजनबी ने किया। जश्न ए रामपुर खास के आयोजन में कवियों व शायरों की बेहतरीन प्रस्तुतियों ने अलसुबह यादगार छाप के साथ कौमी एकता के लिये मिसाल भी बन गयी।
कार्यक्रम में पं. श्यामकिशोर शुक्ल, डा. लालजी त्रिपाठी, कपिल द्विवेदी, डा. प्रशांतदेव शुक्ल, लालदेव सिंह, डा. विनय द्विवेदी, यमुना प्रसाद पाण्डेय, विशेष मेहमान के रूप मंे मौजूद रहे।
विधायक प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी ने आभार प्रदर्शन किया। संगीतकार बच्चा बाबू वर्मा ने उदघाटन एवं समापन सत्र में कौमी तराने की संगीतधुनि की प्रस्तुति देकर आयोजन को चार चांद लगाया।
आयोजन में डा. अमिताभ शुक्ल, अनिल त्रिपाठी महेश, अशोकधर दुबे, लल्लन सिंह, डा. प्रवीन सागर शुक्ल, सुधाकर पाण्डेय, रामबोध शुक्ल, भुवनेश्वर शुक्ल, पप्पू तिवारी, छोटे लाल सरोज, संजय बघेल, महन्थ द्विवेदी प्रबन्धन में जुटे दिखे।
इस मौके पर त्रिभु तिवारी, ओम पाण्डेय, भूपेन्द्र तिवारी, अंशुमान तिवारी, जय कौशल, राकेश चतुर्वेदी, देवी प्रसाद मिश्र, अजय शुक्ल गुडडू, सुरेंद्र सिंह, संतोष पाण्डेय, इरफान हुसैन, आशुतोष मिश्र, अरविंद मिश्र, अखिलेश मिश्र, मुन्ना शुक्ला, बृजेश द्विवेदी आदि रहे।
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