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किसान की बेटी ने जज बनकर रूदौली सहित जिले का नाम किया रोशन



वासुदेव यादव

 अयोध्या:रुदौली तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा गौहन्ना गांव के एक किसान परिवार मे जन्मी प्रिंसू मिश्रा ने अपने पहले ही प्रयास मे PCS J की परीक्षा को एक सम्मान जनक रुप से उत्तीर्ण कर अपनी दादी,अपने पिता शंभू नाथ मिश्रा व अपनी स्वर्गीय माता श्रीमती मीना मिश्रा व गुरुजनों सहित परिवार के साथ साथ अयोध्या जनपद वासियों के सर को गर्व से ऊंचा कर दिया है। 


सुश्री प्रिंसू मिश्रा ने पांचवे क्लास तक की प्रारंभिक शिक्षा चिल्ड्रन डेवलपमेंट स्कूल हिंदी मीडियम से की उसके बाद की शिक्षा फैजाबाद पब्लिक स्कूल से पूर्ण किया जिसमें हाई स्कूल में 9.8 सीजीपीए मिला 12th की पढ़ाई लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल महानगर ब्रांच से 2015 में किया ।


जिसमें 89 प्रतिशत मार्क मिला उसके बाद बीबीए एलएलबी ला कालेज देहरादून से किया जो 2020 में पूरा हुआ।प्रिंसू ने देश मे फैले कोविड के कारण लगे लॉकडाउन में घर पर ही रह कर खूब अच्छी तरह से परीक्षा की तैयारी किया और लॉकडाउन में समय का दुरुपयोग नहीं होने दिया।


जिससे इस परीक्षा का परिणाम इतना अच्छा रहा कि एमपी सिविल जज जूनियर डिविजन की परीक्षा में 69 वीं  रैंक के साथ अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली।प्रिंसू ने बताया की परीक्षा का आयोजन पिछले वर्ष हुआ था और मेरी सफलता का श्रेय मेरी मां स्वर्गीय मीना मिश्रा,पिता शंभू नाथ और बड़ी बहन के साथ पूरे परिवार को जाता है।


 जिन्होंने हमेशा ही मेरा मार्ग दर्शन किया और हर कठिन से कठिन समय पर मेरा भरपूर साथ दिया।सुश्री प्रिंसू मिश्रा ने भावुक होते हुए बताया की अगर आज मेरी मां इस दुनिया मे ज़िंदा होती तो उन्हें अपनी बेटी को मिली यह कामयाबी देख कर बहुत खुशी होती।


प्रिंसू ने बताया की मेरी मम्मी की मृत्यु 2014 में होने के बाद एक मां की जिम्मेदारी मेरी बड़ी बहन पूजा मिश्रा ने निभाया जिन्होने मुझे मां की कमी का जरा भी कभी एहसास नही होने दिया।मुझे मिली इस सफलता मे मेरी बड़ी बहन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। 


जुडिशरी की तैयारी कर रहे अभ्यार्थियों के लिए कोई संदेश देने की बात पर प्रिंसू ने कहा की उन सभी लोगों के लिए मेरा यही संदेश रहेगा कि जरूरी नहीं कि किसी कोचिंग से तैयारी करके ही परीक्षा में सफलता हासिल की जाए बल्कि स्वयं मेहनत से पढ़ कर भी बड़ी से बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है इसके  लिए जरूरी है कि आप अपने आप को भटकने न दें।दृढ़ निश्चय के साथ किए गए परिश्रम का परिणाम हमेशा अच्छा ही आता है।


पिता शंभू नाथ मिश्र ने भावुक होते हुए कहा की मेरी बेटी ने एक साथ मेरे स्वर्गीय पिता भवानी फेर मिश्र व मेरी पत्नी व अपनी माॅ स्वर्गीय मीना मिश्रा को इतनी उत्कृष्ट श्रद्धाॅजली दी है जिससे मुझे गर्व है अपनी बेटी पर।वहीं प्रिंसू की बडी बहेन ने कहा की मेरी बहन बचपन से ही काफी प्रतिभावान है।


 बिना थके कठिन से कठिन परिश्रम करके कामयाबी को हासिल करना उसका शौक रहा है यह उपलब्धि उसी का परिणाम है वहीं चाचा ज्ञानेन्द्र मिश्र ने कहा की सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को बिना भेदभाव के पढाना चाहिए तभी तो बेटियां इतिहास रच देंगी।

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