रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन बनने के बाद जर्जर होने की कगार पर है मगर उसकी शुरुआत नही हो सकी और फिर से उसी स्थान पर हेल्थ वेलनेस सेंटर का निर्माण शुरू करा दिया गया।
इस भवन का निर्माण पौने छह लाख से कराया जा रहा है। जिसके निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है।
पीली ईंट, बालू, सीमेंट से छत का निर्माण कराया जा रहा है। बुधवार को ग्रामीणों ने इसकी शिकायत डीएम से करके निर्माण कार्य रोकवा दिया गया।
करनैलगंज क्षेत्र के ग्राम नरायनपुर मांझा के मजरा पाण्डेयपुरवा में करीब दस वर्ष पूर्व स्वास्थ उपकेंद्र का निर्माण करीब नौ लाख रुपये की लागत से कराया गया।
जिसके निर्माण में भी भारी अनियमितता बरती गई थी। घटिया निर्माण होने के कारण उसका हैंडओवर स्वास्थ्य विभाग को नही हुआ न ही उसका संचालन ही अब तक शुरू हो सका। भवन जर्जर होने की कगार पर है।
दूसरी तरफ करीब पौने छह लाख की लागत से उसी स्थान के बगल में हेल्थ वेलनेस सेंटर का भी निर्माण शुरू करा दिया गया। जिसके निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है।
चारो तरफ से जंगल के बीच व रेलवे लाइन के किनारे महिलाओं के लिए यह भवन बनाया जा रहा है। जहाँ लोगों का पहुंचना मुश्किल होगा।
वहीं भवन की नींव से लेकर छत तक पीली ईंटो को लगाया गया है। मात्र एक कमरे का निर्माण कराया गया है। बुधवार को भवन की छत डालने के दौरान सीमेंट व बालू का प्रयोग देख ग्रामीणों में रानू पांडेय व केशरी प्रसाद दूबे ने इसकी शिकायत सीएमओ व डीएम से दूरभाष पर की तथा विरोध दर्ज कराया जिसपर डीएम ने एसडीएम करनैलगंज सहित तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए।
यह निर्माण कार्यदायी संस्था यूपी सिटको द्वारा कराया जा रहा है। जेई सतीश चंद्र मिश्रा कहते हैं की निर्माण की जानकारी नही है। यह निर्माण सीएमओ के अंडर में हो रहा है। तथा गुणवत्ता की जांच के लिए एसडीएम प्रशासन सहित तीन अधिकारियों की टीम गठित है।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुरेश चन्द्रा कहते है कि उस सेंटर पर सीएचओ की तैनाती होनी है। घटिया निर्माण की शिकायत ग्रामीणों ने किया है मगर भवन हैंडओवर होने तक कोई उनका कोई अधिकार नही है।
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