एक मवेशी की हुई दर्दनाक मौत,बैलगाड़ी चालक बाल बाल बचा
कमलेश
धौरहरा-लखीमपुरखीरी:धौरहरा क्षेत्र में पिछले कुछ महीनो से खेतों में खड़ी फसल को बचाने के लिए किसान अलग अलग हथकंडे अपना रहे है।
जिसमें एचटी लाइनों में कटिया डालकर खेतों में लगे तारों में जोड़ना मुख्य हथकंडा है। इसमें भले ही किसी की जान चली जाए इसकी भी उनको परवाह नहीं रहती।
इसी हथकंडे की चपेट मे सोमवार को भैसागाड़ी के आने से जहां एक भैसा असमय ही काल के गाल में शमा गया वहीं चालक गाड़ी से कूदकर किसी तरह बचने में क़ामयाब रहा। जिसकी जानकारी पाकर क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। बावजूद जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए है।
फिलहाल घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुचीं पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
धौरहरा क्षेत्र के थाना ईसानगर की सरयू नदी पार ग्राम पंचायत ओझापुरवा में पिछले कुछ माह से किसान खेतों में खड़ी फ़सलों को बचाने के लिए एचटी लाइन में कटिया डालकर खेतों में लगे कटीले तारों में जोड़कर आम लोगों के साथ साथ मवेशियों की जान जोखिम में डाल रहे है।
जिसका जीता जागता नज़ारा सोमवार को एक बार फिर देखने को मिला जहां पचासा गांव के
राजेन्द्र पुत्र हरद्वारी चौहान खेत के पास से निकली एचटी लाइन में कटिया डालकर खेत मे लगे कटीले तारों में जोड़ कर करंट दौड़ा दिया जिसकी जानकारी किसी को नहीं थी।
इसी बीच सोमवार को रामनरेश पुत्र सोनेलाल भैंसागाड़ी पर सवार होकर खेत को जारहे थे। कि बीच रास्ते मे राजेन्द्र के खेत मे दौड़ रही करंट की चपेट में अपनी गाड़ी समेत वह स्वयं आ गए।
जिसका अभास होते ही रामनरेश गाड़ी से कूदकर किसी तरह अपने आप को तो बचा ले गए पर उनका एक भैसा चपेट में आकर असमय ही काल के गाल में शमा गया।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुचे लाइनमैन ने खेत मालिक का लिया पक्ष
सोमवार को अचानक घटित हुई घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुचा स्थानीय संविदा लाइन मेन उत्तम कुमार ने खेत मे दौड़ रही करंट के बारे में जानते हुए भी खेत मालिक राजेन्द्र का पक्ष लेना शुरू कर दिया जिसको देख मौके पर पहुचें लोगों ने जब उसको तार चेक करने को कहा गया तो वह मौके से रफ़ूचक्कर हो गया।
मौके पर पहुचीं पुलिस ने शुरू की जांच,ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रमीण |
घटना की सूचना पाकर मौके पर हल्का पुलिस पहुचकर जांच पड़ताल शुरू कर दी वहीं अचानक घटित हुई घटना को लेकर आस पड़ोस के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीण |
इस बाबत ग्रामीण संतराम बताते है कि एक वर्ष पहले भी इसी तरह से कटिया डालकर खेतों में दौड़ाई जा रही करंट की चपेट में आकर एक युवक की मौत हो गई थी। अब यह घटना हुई बावजूद ज़िम्मेदार चुप्पी साधे हुए है। रामपाल ने बताया कि इस तरह से खेतों में लगे तारों में बिजली के तार जोड़ने से कोई भी इसका शिकार बन जायेगा।
यह तो संयोग रहा कि रामनरेश बच गए नहीं तो उनका परिवार बेसहारा हो जाता। किसान हरिनाम बताते है कि इस तरह 11000 लाइन में तार जोड़कर खेतों में करंट दौड़ाने की घटना के बाद भी बिजली विभाग की चुप्पी बहुत कुछ बया कर रही है। जो जनहित में ठीक नहीं है।
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