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भगवान का स्मरण निर्मल मन से करना चाहिए:आचार्य रघुनाथदास जी महराज



गौरव तिवारी

प्रतापगढ़ क्षेत्र के नौबस्ता गांव में संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में रविवार को श्रद्धालुओं का समागम दिखा। कथाव्यास आचार्य रघुनाथदास जी महराज ने कहा कि भगवान की कथा के सुनने से जन्म-जन्मांतर के पाप स्वतः नष्ट हो जाया करते हैं। 


आचार्य रघुनाथदास जी महराज ने कहा कि भगवान को सदैव निर्मल मन से स्मरण करना चाहिए। भगवान की आराधना पुण्य के लिए नहीं बल्कि भगवान का सांनिध्य प्राप्त करने के लिए किया जाना चाहिए। 


कथा के संयोजक प्रभाकर मिश्र व माधुरी मिश्रा ने कथा व्यास का श्रीअभिषेक किया। 


इस मौके पर ओमप्रकाश मिश्र, आशुतोष मिश्र, बृजेश मिश्र, रामअभिलाख पाण्डेय, अधिवक्ता कालिका प्रसाद पाण्डेय, धर्मेन्द्र विश्वकर्मा, गोपेश श्रीवास्तव, आलोक मिश्र, शरद कुमार मिश्र, व्यापार मण्डल अध्यक्ष अखिलेश मिश्र, राधारमण, राधवेन्द्र मिश्र, विद्यानन्द पाण्डेय आदि रहे।

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