आयुष मौर्या
धौरहरा खीरी ।धौरहरा क्षेत्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं । कभी यूरिया की किल्लत तो कभी डीएपी की किल्लत ।
बुआई के समय किसानों को समय से खाद न मिलने से उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । कहने को तो क्षेत्र में किसानों की सुविधाओं के लिए दर्जनों सहकारी समितियों की स्थापना की है।
पर क्षेत्र की समितियों में खाद ही उपलब्ध नहीं है । वर्तमान समय में किसान गन्ने की बुआई कर रहे हैं । पर क्षेत्र की सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है ।
जहां है भी वहां घण्टों लाइनों में लगकर किसान खाद ले रहे हैं । इससे पहले भी गेहूं में यूरिया डालने के समय किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रही थी।
गन्ना का भुगतान समय से न मिलने की समस्या से जूझ रहा किसान अब बुआई के समय डीएपी खाद के लिए परेशान हो रहा है । किसान सुबह से ही लाइनों में लगकर जैसे तैसे डीएपी खरीद रहे हैं ।
गेहूं में डालने को नहीं मिल रही थी यूरिया
धौरहरा में डीएपी की किल्लत कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी यहां गेहूं में पानी लगाने के बाद उसमें डालने के लिए क्षेत्र की समितियों में यूरिया खाद नहीं मिल रही थी किसान सुबह से लेकर शाम तक समितियों व इफको की दुकानों में लाइन लगकर यूरिया खरीद रहे थे ।
पुनः वर्तमान में बुआई के समय डीएपी की किल्लत ने सरकारी मशीनरी में प्रश्न चिन्ह लगा दिया है ।
क्षेत्र के साधन सहकारी समिति कबिरहा में खाद लेने आए रामजीवन बताते हैं कि बीते कई दिनों से समितियों के चक्कर लगा रहा हूं पर डीएपी नहीं मिली ।आज सुबह से ही लाइन में लगने के बाद डीएपी मिल सकी ।
समिति पर खाद लेने आए रमेश बताते हैं कि सरकार व अधिकारियों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किसानों को समय से खाद मिल सके । जब खाद ही समय से नहीं मिलेगी तो किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी ।
विमल कुमार कहते हैं जब किसानों को समय से खाद ही नहीं मिलेगी तो किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी ।
रवि कुमार बताते हैं कि रबी व खरीफ सभी फसलों की बुवाई के समय किसानों को समुचित खाद न मिलना सरकार की नाकामी दर्शाता है यदि यही रवैया अपनाया गया तो यहां किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी ।
जगरती तोमर एडीओ सहकारिता ब्लाक ईसानगर
यह सच है कि कुछ समितियों में खाद नहीं है । जिससे किसानों को परेशानी हो रही है प्रयाश किए जा रहे हैं जल्द ही खाद की समस्या दूर होगी ।
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