वेद व्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ के कुंडा तहसील के किरनापुर गांव के रहने वाले गोकुल प्रसाद पांडे ने बांसुरी की सुरीली धुन से देश प्रदेश के बड़े बड़े मंचों पर प्रतापगढ़ का गौरव बढाने वाले गोकुलप्रसाद पाण्डेय की प्रतिभा संगीत की दुनिया में लगभग 80 दशक तक अलौकिक छटा बिखेरने के बाद अचानक बृहस्पतिवार को शांत हो गई आपके बता दें कि प्रतापगढ़ के हथिगवां थाना क्षेत्र स्थित किलहनापुर गांव में जन्में गोकुलप्रसाद पाण्डेय अपने परिवार के बड़े बेटे थे और बचपन से ही बांसुरी बजाने के शौकीन थे।
परिवार के सभी दायित्वों का निर्वहन करते हुए संगीत की सेवा में जुटे रहें विशेष बात ये है कि बिना किसी आर्थिक आकांक्षा के देश प्रदेश के नामी मंचों पर प्रतापगढ़ का नाम रौशन कियाअपनी संयमित दिनचर्या के कारण 90 वर्ष की आयु में भी प्रतापगढ़ किलहनापुर अपने गाँव से प्रयागराज संगम यात्रा खुद साइकिल चलाकर पूरी करने वाले गोकुलप्रसाद पाण्डेय युवाओं के लिए नजीर थे. 90 वर्ष की आयु में धाराप्रवाह सुरीली बांसुरी बजाना एक असाधारण कार्य था।
अपनी साइकिल पर एक लंबे खादी झोले में पन्द्रह बीस बांसुरी लिए सिर पर सफेद टोपी खादी कुर्ता पहनने वाले पाण्डेय जी जहाँ भी जाते लोग बड़े उत्सुक होकर बांसुरी बजाने का निवेदन करते और सरल स्वभाव के धनी होने के कारण सबकी इच्छा की पूर्ति करते. ऐसे अद्भुत प्रतिभा के धनी गोकुलप्रसाद पाण्डेय जी के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
बजरंग सेना विधानसभा अध्यक्ष विष्णु जी महराज ने शोक व्यक्त करते हुए बताया कि प्रतापगढ़ के गौरव वंशी वाले,चिर यात्रा पर चले गए वे हमारे पूज्यनीय गुरु थे उनके जाने से वंशीवादन कला के क्षेत्र में एक खालीपन महसूस हो रहा है।
क्षेत्र के संकटमोचन धाम के महंत बालयोगी जी महराज, बजरंग सेना तहसील अध्यक्ष विवेक महराज, रौनक पाण्डेय,अधिवक्ता शिवचरन त्रिपाठी, सौरव पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, विमल बजरंगी,तपस्विनी माता ललिता देवी बजरंग सेना महिला मोर्चा अध्यक्ष बंदना देवी, साध्वी दिव्या देवी, अंकित त्रिपाठी, पंडित चन्द्रभान पाण्डेय, आचार्य अनंत, मानस कुमार, शुभम त्रिपाठी, कुलदीप मिश्र, रीशू पंडित, अजय कुमार, सुधीर यादव, आनंद लकी, अनुराग, अविनाशचन्द्र पाण्डेय आदि सैकड़ों शुभचिन्तको ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
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