वेद व्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु गठित जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 आर0पी0 राय द्वारा बताया गया कि जनपद में 40 गो आश्रय केन्द्र संचालित है तथा शासन के निर्देश के क्रम में सभी न्याय पंचायतों में गो संरक्षण केन्द्र बनाया जाना है।
बैठक में उपजिलाधिकारियों के उपस्थित न रहने पर जिलाधिकारी ने उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पर नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देशित किया कि बैठक के पूर्व सभी उपजिलाधिकारियों से समन्वय कर लें।
उन्होने निर्देशित किया कि पशु चिकित्साधिकारी तहसील स्तरीय अनुश्रवण समिति के सदस्य है, अपने उपजिलाधिकारी से सम्पर्क पर उन्हें जिन न्याय पंचायतों में गो संरक्षण केन्द्र हेतु जमीन उपलब्ध नही है, प्राथमिकता के आधार पर उसकी सूची उपजिलाधिकारी को उपलब्ध करायेगें तथा इस हेतु जमीन का चिन्हांकन करायेगें।
जिलाधिकारी गोशालाओं के रख-रखाव एवं पशु चारे हेतु निर्गत धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र न उपलब्ध कराये जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होने निर्देश दिया कि पशु चिकित्साधिकारी निर्धारित प्रोफार्मे पर उपभोग प्रमाण पत्र उपजिलाधिकारी से सम्पर्क कर तैयार करायें और उसे मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को समय से उपलब्ध करायें।
उन्होने कहा कि शासन द्वारा गोवंश के संरक्षण एवं रख-रखाव पर पर्याप्त धनराशि तभी निर्गत की जायेगी जब समय से पूर्व में निर्गत धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जायेगा।
जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि जहां-जहां गोशालायें बनी हुई है यदि वहां अतिरिक्त पशु शेड की आवश्यकता है तो अतिरिक्त शेड की व्यवस्था करायी जाये। कोई भी पशु खुले में धूप में न रहे।
भूसा गोदाम, पानी की पर्याप्त व्यवस्था, हरे चारे की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित की जायें।
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री सहभागिता योजना की समीक्षा करते हुये मुख्य पशु चिकित्सधिकारी को निर्देशित किया कि जिन पशुपालकों को गोवंश संरक्षण हेतु दिया गया है उनका सत्यापन कर नियमित रूप से अनुमन्य धनराशि उपलब्ध करायी जाये।
उन्होने कहा कि जनपद में 04 वृहद गोशालायें गोगौर, पूरेमोतीलाल, कतरौली एवं राकी निर्माणाधीन है, अधिशाषी अभियन्ता ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग से मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सम्पर्क कर निर्माण कार्य में तेजी लाये।
जिलाधिकारी ने पशु गोशालाओं में गोवंश के निधन और चारे की कमी की शिकायत एवं मीडिया में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुये खण्ड विकास अधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी को सचेत किया कि यदि उनके क्षेत्र की गोशालाओं के सम्बन्ध में शिकायते प्राप्त होती है तो सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी और पशु चिकित्साधिकारी की यह व्यक्तिगत लापरवाही मानी जायेगी और उनके विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही की जायेगी।
ऐसे ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत अधिकारियों को 95जी की नोटिस निर्गत करते हुये पशु क्रुरता अधिनियम के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज करायी जायेगी।
खण्ड विकास अधिकारी बेलखरनाथधाम द्वारा शिकायत की गयी कि सांगापट्टी के ग्राम प्रधान द्वारा एक वर्ष बाद भी गो संरक्षण हेतु निर्गत धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र नही दिया गया है, बार-बार अनुरोध पर भी सेक्रेटरी एवं प्रधान द्वारा रूचि नही ली जा रही है।
जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत अधिकारी को 95जी के तहत कारण बताओ नोटिस निर्गत की जाये।
जिलाधिकारी द्वारा बैठक में निर्देशित किया गया कि निराश्रित गोंवश का संरक्षण उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकता का कार्यक्रम है इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में जिस भी स्तर से लापरवाही पायी जायेगी सम्बन्धित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये प्राथमिकी भी दर्ज करायी जायेगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया सहित सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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