जनसभा की अध्यक्षता सत्य नारायण तिवारी, मीनाक्षी खरे, अमेरिका यादव, इंदू सिंह, सत्य प्रकाश पांडेय, संतोष शुक्ला, राम कृपाल यादव की कमेटी ने किया।
सभा का संचालन कामरेड दिलीप शुक्ला ने किया तथा जनसभा को संबोधित करते हुए सीआईटीयू राज्य कमेटी सदस्य कामरेड कौशलेंद्र पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार को जनता और मजदूरों के हित में चारो लेबर कोड व रक्षा आवश्यक सेवा अधिनियम को रद्द करना चाहिए तथा बिजली संशोधन बिल - 2021 को खत्म करने की बात कही।
कामरेड इंदू सिंह ने कहा कि आशा रसोइया आंगनवाडी कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाये क्योंकि केंद्र सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकर गई है।
बिजली कर्मचारियों के उत्पीड़न तथा बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ सरकार की आलोचना करते हुए राम कृपाल यादव कहा कि बिजली को निजी हाथों में देने से प्रति यूनिट बिजली का दाम बढ़ेगा जिससे जनता के ऊपर मंहगाई का नया भार पड़ेगा।
यूपीएमएसआरए से रवींद्र सिंह व रोबी गांगुली ने कहा कि दवाओं के दामों बढ़ोत्तरी होने से जनता अब नई परेशानी पड़ेगी, केंद्र सरकार को स्वास्थ्य बजट को 5% जीडीपी का करना चाहिए। ममता तिवारी ने कहा कि संयुक्त संघर्ष और संयुक्त आंदोलन तेज करना होगा तभी ये सरकार हमें हमारा अधिकार देगी।
सभा को पोस्टल ईंपलाईज यूनियन से सत्य प्रकाश पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि बैंक, बीमा, रेलवे सहित तमाम सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेच रही जिससे सरकार की पूंजीपतियों से सांठगांठ उजागर हो गया है।
सभा को श्रीमती संजीव पांडेय, राज कुमार मिश्रा, ईश्वर शरण शुक्ल, आद्या तिवारी, आदि ने संबोधित किया । जनसभा के बाद महामहिम राष्ट्रपति महोदय को संबोधित 13 सूत्रीय माँग पत्र श्रम प्रवर्तन अधिकारी योगेश दीक्षित के माध्यम से दिया गया।
धरने में संतोष शुक्ला, विनीत तिवारी, विनय तिवारी , कौशलेंद्र शुक्ला, अंबरीष पांडेय, मनोज त्रिपाठी, रानीदेवी पाल ,निर्मला तिवारी स्वामीनाथ , प्रेमा देवी, गौरीशंकर , राम रंग चौबे, सुनीता मौरया, सुनीता श्रीवास्तव ,गिरिजावती, पूनम तिवारी, पवन कुमार, रमेश कुमार, बंटी, दाया, आसाराम, सुनीता, मंगल, राजकुमार, राधा देवी, दिनेश कुमार , संजू पांडेय, वंदना शुक्ला, दीपक मिश्रा, गंगोतरी देवी, ननका, जरीना, अफसरा खातून ,गीता ,उजमा, रंजना मौरया, सोनपती पांडेय , आदि सैकड़ो मजदूर कर्मचारी उपस्थित रहे।
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