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हिजाब के साथ अपनी बच्चियों को दीनी और दुनियावी तालीम से करें आरास्ता : मौलाना सिराज अहमद मदनी

 

सलमान असलम 

जनपद बहराइच की मशहूर व मारूफ दर्सगाह मदरसा अमीना लिलबनात मोहल्ला सालारगंज निकट शबीना मस्जिद बहराइच के जेरे एहतमाम आज सुबह 9:00 बजे मदरसा के हाल में एक जलसा का इनकाद किया गया। 



जिसमें मदरसा सुल्तानुल उलूम सोसाइटी के जेरे एहतमाम चलने वाले मदरसा आमीना लिलबनात के संस्थापक प्रबन्धक मौलाना सिराज अहमद मदनी ने खिताब करते हुए कहा कि हर इंसान की ज़िम्मेदारी है कि वह अपनी बच्चियों को दीनी व दुनियावी तालीम से आरास्ता करे मौलाना मदनी ने इल्म की अहमियत व फजीलत बयान करते हुए कहा कि क़ुरआने करीम की आयात में सबसे पहले जो आयत नाजिल हुई वह है इक़रा बिस्मी रब्बिकल फलक है पढ़िए अपने रब के नाम से जिसने पैदा किया, 


हदीसे नबवी के हवाले से मौलाना सिराज अहमद मदनी ने कहा कि अल्लाह के नबी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम का इरशाद है की इल्म हासिल करना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है उलमा ए कराम के हवाले से मौलाना सिराज अहमद मदनी ने कहा कि उलमा ए कराम का इस बात पर इत्तेफ़ाक़ है की इतना इल्म हासिल करना हर मुसलमान मर्द और औरत पर फ़र्ज़ है कि जिससे हलाल व हराम की तमीज़ हो सके ।


मौलाना मदनी ने कहा कि इल्म एक रोशनी है जिसे हर इंसान को हासिल करना चाहिए उन्होंने कहा कि हम दीनी तालीम के साथ-साथ अपनी बच्चियों को डॉक्टर और इंजीनियर भी बनाए मौलाना मदनी ने मुआशरे के मालदार लोगों को मुखातिब करते हुए कहा कि आप लोग मदरसों का दिल खोलकर ताऊन करें ताकि मदरसे दीनी तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम का भी इंतजाम कर सकें और बच्चियों को प्राइमरी से लेकर इंटर कॉलेज डिग्री कॉलेज मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज का क़याम कर सकें। 


मौलाना मदनी ने यहां तक कहा कि मुसलमान ढाई फीसद ज़कात के अलावा 97.50 फीसद में से भी ख़र्च करें ताकि मुस्लिम बच्चियों को हिजाब के साथ तालीम दी जा सके।

 

प्रोग्राम की अध्यक्षता बुज़ुर्ग उस्ताज़ हजरत मौलाना मुफ्ती रियाज़ अहमद क़ासमी ने की, हाफ़िज़ माज़ अहमद ने तिलावते क़ुरआन ए करीम से प्रोग्राम शुरू किया। 


मदरसा आमीना लिलबनात की बच्चियों ने नात व नज़्म और तराना पेश किया। जिसमें तस्मिया इकरा शाह, अरबिया इकरा खान, मैमूना शाह, हिरा, क़ुदसी शाह सानिया, और ज़ैनब ने अपनी आवाज़ से मसहूर किया। 


प्रोग्राम में तालिबात को इनाम से नवाजा गया और सालाना रिज़ल्ट तक्सीम किया गया। 


इस मौक़े पर साकिब भाई, साधु शरण श्रीवास्तव, हाफ़िज़ सुफियान अहमद अंसारी के अलावा और लोग भी मौजूद रहे मुफ्ती रियाज़ अहमद क़ासमी की दुआ पर प्रोग्राम ख़त्म हुआ।

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