फिर भी कुछ जगहों पर कर्मचारियों की मनमानी ने आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक शिक्षामित्र बीएलओ द्वारा 381 लोगों का नाम एकाएक मतदाता सूची से हटाए जाने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया।
जिले के कटरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत भैरमपुर के ग्रामीणों ने निर्वाचन आयोग से शिकायत कर शिक्षामित्र बीएलओ पर गंभीर आरोप लगाया है।
मतदाता सूची से 381 लोगों का नाम गायब होने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग ना कर सके।
ग्रामीणों ने जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर राज्य व भारत निर्वाचन आयोग को सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर युक्त शिकायती पत्र दिया है।
आयोग को भेजे गए शिकायती पत्र में कहां गया है कि पंचायत चुनाव में मतदाता सूची में 1770 लोगों के नाम थे। विधानसभा की मतदाता सूची में महज 1389 नाम बच्चे थे।
इस तरह बीएलओ द्वारा 381 लोगों के नाम कटवा दिया गया। जिससे मतदान केंद्र पर पहुंच कर मतदाताओं को बिना वोट डालें बैरंग लौटने के लिए विवश होना पड़ा।
आरोप है कि जब मतदाताओं द्वारा इसकी शिकायत बीएलओ से की गई। तो वह ग्रामीणों पर बिफर पड़ा कहा कि सिर्फ भाजपा के लोगों का नाम मतदाता सूची से गायब हुआ है।
बीएलओ व ग्रामीणों की हुई नोकझोंक में बीएलओ ने बताया कि यदि सपा की सरकार बनती है। तो हम लोगों का वेतन 50 हजार होगा।
इस बात को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बीएलओ के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुए तत्काल हटाया जाए।
ग्राम प्रधान भैरमपुर कृष्ण कुमार मिश्रा ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि बीएलओ शिक्षामित्र है। वह वर्तमान भाजपा सरकार से काफी नाराज था। क्षेत्र में लगातार सरकारी कर्मचारी होने के बाद भी समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहा था।
उसका कहना था कि 5 साल में एक बार बदला लेने का मौका आया है। उसे हाथ से नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों का सरकार से नाराजगी का खामियाजा ग्रामीण मतदाताओं को भुगतना पड़ा है।
शिकायत करने वालों में बृजेंद्र मिश्रा, अंकित अनुराग पूजा संध्या अर्पणा रमन गौरव युवराज प्रियंका निधि मिश्रा किरण मिश्रा रामजी तिवारी आदर्श कुमार महिमा अनीता विनोद कुमार उमाशंकर राजकिशोर निर्मला शीला देवी सूरज शिवा कोमल ज्वाला प्रसाद परशुराम मुस्कान शिवकुमार नेहा अश्वनी कुमार सहित कई दर्जन ग्रामीणों के नाम शामिल हैं।
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