अखिलेश्वर तिवारी
जनपद गोंडा तथा बलरामपुर मे सभी जाति व धर्म के लोगो मे लोकप्रिय जनपतिनिधि रहे पूर्व मंत्री स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला की 58वीं जयंती के अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
मेहनौन विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि सामाजिक कार्यकर्ता जीडीएस महासंघ के मंडल अध्यक्ष पंडित रामानंद तिवारी के आवास पर पूरे लेदई में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में तमाम लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।
पंडित रामानंद तिवारी ने बताया कि स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला ब्राह्मण समाज के अगुवा होने के साथ-साथ सभी जाति व धर्म के लोगों के बीच जन प्रिय नेता थे। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार टी एन सेशन ने चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर चुनाव के विषय में जन जन तक जागरुकता फैलाई थी ।
उसी प्रकार स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला ने भी जनप्रतिनिधियों के कार्य व्यवहार में अमूलचूल परिवर्तन लाकर जनप्रतिनिधि तथा जनता के बीच सामंजस्य की एक नई परिपाटी शुरू की थी ।
स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला ने विधायक बनने के बाद भी घर-घर जाकर लोगों से मिलना, आम नागरिक की तरह पिछड़े और गरीब लोगों की बात सुनना तथा उनके कार्य व समस्याओं का निराकरण कराना अपना दैनिक कार्य बनाया था । यही कारण था कि स्वर्गीय घनश्याम शुक्ल तीन बार विधायक चुने गए ।
उनके आकस्मिक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी नंदिता शुक्ला भी तीन बार विधायक चुनी गई। स्वर्गीय शुक्ला की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2002 मे भाजपा बसपा गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व में राजस्व मंत्री बनाया गया था ।
मंत्री रहते हुए भी तमाम व्यस्तताओं के बीच वह अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक समय देकर लोगों से मिलना जुलना बरकरार रखा था। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय शुक्ला की बनाई हुई परंपरा को उनकी पत्नी नंदिता शुक्ला ने निरंतर आगे बढ़ाया ।
अब उनके पुत्र राहुल शुक्ला भी उनके आदर्श व सिद्धांतों को लगातार आगे बढ़ा रहे है । 7 जनवरी 1964 को जन्मे स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला की आकस्मिक मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में 26 अप्रैल 2004 को हुई थी ।
उनके मृत्यु का कारण दुर्घटना थी या हत्या इस पर आज तक अभी पर्दा पड़ा हुआ है। स्वर्गीय शुक्ला पहली बार 1991 में विधायक चुने गए, दूसरी बार 1993 तथा तीसरी बार 2002 में विधायक चुने जाने के बाद उन्हें राजस्व मंत्री बनाया गया ।
2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हे गोंडा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया था । स्वर्गीय शुक्ल के आकस्मिक मृत्यु के बाद उनके पत्नी नंदिता शुक्ला 2004, 2007 तथा 2012 में विधायक चुनी गई ।
अपने माता-पिता के आदर्श व सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का बीड़ा अब उनके पुत्र राहुल शुक्ला ने उठाया है । राहुल शुक्ला भी अपने पिता की तरह जन-जन में लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में उभर रहे हैं ।
स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला के 58वें जयंती अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में प्रमुख रूप से रामानन्द तिवारी, निर्मला तिवारी, नाती वैभव, स्वामीनाथ शास्त्री, परमानन्द श्रीवास्तव, डी०के०तिवारी, विनीत, भगौती यादव, संगमलाल, अवधेश तिवारी व पिंकू सहित तमाम समर्थको ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।
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