अखिलेश्वर तिवारी/नरेन्द्र पटवा
जनपद बलरामपुर के तहसील उतरौला क्षेत्र के मानापार बहेरिया में चमचमाता प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र एक अदद एएनएम व महिला चिकित्सक की बांट जोह रहा है।
इस अस्पताल मे न पूरा स्टाफ है और न ही स्वास्थ की ज़रुरी सुविधाएं। प्रसव आदि के लिए महिलाओं को 15 किलोमीटर की दूरी तय करके उतरौला सीएचसी जाना पड़ता है।
क्षेत्रीय लोगों ने कई बार इस स्वास्थ केन्द्र की सुविधाएं दुरुस्त कराने की मांग की लेकिन कोई हल नहीं निकला।
जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित मानापार बहेरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ विभाग की उदासीनता के चलते क्षेत्र की लगभग 50हजार की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रहा है।
जिसके कारण झोलाछाप डॉक्टरों की पौबारा है।मानापार बहेरिया में कहने को तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना है लेकिन यहां पर प्रसव की व्यवस्था न होने से इलाके के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वैसे तो इस केंद्र पर बिजली व चिकित्सकों के रहने के लिए आवास की भी सुविधा उपलब्ध है और चिकित्सक में मेडिकल आफिसर अनिल कुमार प्रजापति, डॉ ए एच खान व फार्मासिस्ट बृजेश गुप्ता की तैनाती है।
परन्तु महिलाओं के इलाज के लिए न तो कोई एन एम हैं और न ही नर्स की तैनाती की गई है।
महिला चिकित्सकों, संसाधनों व दवाइयों के अभाव में महिलाओं को साधारण बीमारियों व प्रसव के लिए 15 किलोमीटर का चक्कर लगाकर सीएचसी उतरौला जाना पड़ता है।
लगभग दो दशक पूर्व में बने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अब तक महिलाओं के लिए प्रसव की व्यवस्था नहीं हो सकी है।
सीएचसी अधीक्षक डॉ चन्द्र प्रकाश सिंह का कहना है कि महिलाओं के प्रसव की समुचित सुविधाओं के लिए प्रयास किया जा रहा है जल्द ही इस समस्या से निजात मिलेगी।
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